नयी दिल्ली , नवंबर 25 -- विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा है कि संगठन "मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से वापस लेने", "धोखे से धर्मांतरण" पर रोक लगाने और दुनिया भर में हिंदुओं को एकजुट करने के लिए अभियान को तेज करेगी।
श्री कुमार ने यूनीवार्ता से बातचीत करते हुए कहा कि अयोध्या मंदिर बनाना विहिप का वास्तविक लक्ष्य नहीं था, बल्कि उसकी बड़ी परियोजनाओं में से एक था। उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब अयोध्या में राम मंदिर पूरा होने के करीब है।
उन्होंने कहा कि संगठन का बड़ा लक्ष्य सभी हिंदुओं के दिलों में एक मंदिर स्थापित करना और धर्म, संस्कृत, वेद और गोरक्षा पर आधारित जीवन जीने के तरीके को बढ़ावा देना है। श्री कुमार ने घोषणा की कि 2025 में विहिप सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मिलकर मंदिरों पर सरकारी से नियंत्रण समाप्त करने के लिए दबाव बनायेगी।
उन्होंने तर्क दिया कि औपनिवेशिक काल की नीतियों ने मंदिरों को सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन के केंद्र के तौर पर उनकी ऐतिहासिक भूमिका से हटाकर उन्हें कमज़ोर कर दिया और तमिलनाडु जैसे राज्यों पर मंदिर की धनराशि को दूसरी जगह भेजने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "जब सरकार किसी गुरुद्वारे, मस्जिद या चर्च को नियंत्रित नहीं करती, तो वह मंदिर की धनराशि से खुद को अमीर क्यों बना रही है।
श्री कुमार ने दावा किया कि लोगों को "लालच, धोखे या डर" के ज़रिए धर्म बदलने की "संगठित प्रयास हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि विहिप ने धर्मांतरण पर नज़र रखने, "लव जिहाद" का मुकाबला करने और "घर वापसी" करने के लिए 8,500 "सेंसिटिव ब्लॉक" में प्रशिक्षित स्वयं सेवक तैनात किए हैं। श्री कुमार ने सीमावर्ती राज्यों और महानगरीय इलाकों में डेमोग्राफिक (जनसांख्यिकी) बदलावों पर चिंता जताते हुए कहा, "दिल्ली में भी गैर-कानूनी तरीके से आये लोगों की बड़ी आबादी है. जो चुनाव के नतीजे बदलने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा कि विहिप ऐसे लोगों की पहचान करने और उनको वापस भेजने के लिये अधिकारियों से संपर्क करती है।
बंगलादेश में हिंदु समुदाय की स्थिति पर उन्होंने कहा कि हिंदू समुदाय ने शेख हसीना को हटाने के बाद हुए हमलों का "विरोध" किया और भारत नहीं भागे। उन्होंने नोबेल पुरस्कार विजेता और बंगलादेश सरकार के अंतरिम प्रमुख मुहम्मद यूनुस की हिंसा खत्म करने की अपील का स्वागत किया।
श्री कुमार ने कहा कि विहिप करीब 100 देशों में सक्रिय है और साप्ताहिक कार्यक्रम, मंदिर में सक्रिय गतिविधि और आध्यात्मिक गुरुओं के साथ बातचीत के ज़रिए विदेश में दूसरी पीढ़ी के भारतीयों को जोड़ने पर ध्यान देता है।
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