लखनऊ , नवंबर 28 -- विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने असम विधानसभा द्वारा पारित बहु विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2025 को महिलाओं के सशक्तिकरण और सामाजिक सुधार की दिशा में ऐतिहासिक कदम करार दिया है।
विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि यह कानून असम की जनता, विशेषकर महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा में "एक मील का पत्थर" साबित होगा।
श्री बंसल ने कहा कि कानून से न केवल भारतीय विवाह संस्था मजबूत होगी, बल्कि पति-पत्नी के बीच पवित्रता, विश्वास और पारिवारिक मूल्यों पर आधारित संबंध भी और प्रगाढ़ होंगे।
उन्होंने बताया कि प्रस्तावित प्रावधानों में धोखाधड़ी करने वालों के लिए 7 से 10 वर्ष तक की सजा, पीड़िता को करीब डेढ़ लाख रुपये मुआवजा तथा फर्जी विवाह में शामिल सभी पक्षों को दंड के दायरे में लाना शामिल है।
उनके अनुसार, यह कदम ऐसे अपराधों को रोकने में प्रभावी सिद्ध होगा और छल-कपट के माध्यम से लोगों को फंसाने की मानसिकता पर अंकुश लगाएगा।
विहिप प्रवक्ता ने कहा कि नारी को सिर्फ उपभोग की वस्तु समझने वाली महिला-द्रोही सोच पर अब विराम लगेगा। असम सरकार द्वारा लव जिहाद पर रोक तथा समान नागरिक संहिता लागू करने की घोषणा का भी स्वागत किया।
श्री बंसल ने उम्मीद जताई कि अन्य राज्यों की सरकारें भी असम की तर्ज पर आगे बढ़कर सामाजिक सुधार और महिला सशक्तिकरण की दिशा में प्रभावी कदम उठाएँगी।
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