विशाखापत्तनम , दिसंबर 21 -- आंध्र प्रदेेश में पंचायती राज मंत्रालय 23 और 24 दिसंबर 2025 को दो दिवसीय पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम (पेसा) महोत्सव का आयोजन करेगा।
यह आयोजन पेसा अधिनियम 1996 के लागू होने के उपलक्ष्य में किया जाएगा। पेसा दिवस हर साल 24 दिसंबर को इस अधिनियम की सालगिरह के तौर पर मनाया जाता है।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया कि महोत्सव का उद्घाटन आंध्र प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और पंचायत राज मंत्री कोनिडाला पवन कल्याण करेंगे। इस अवसर पर पंचायती राज मंत्रालय के केंद्रीय सचिव विवेक भारद्वाज के साथ केंद्र और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
राष्ट्रीय स्तर के इस महोत्सव में पेसा के 10 राज्यों के लगभग 2,000 प्रतिनिधियों के शामिल होने की उम्मीद है, जिसमें चुने हुए पंचायत प्रतिनिधि, आदिवासी नेता, खिलाड़ी और सांस्कृतिक कलाकार शामिल हैं। इस महोत्सव का मकसद पेसा के तहत आने वाले आदिवासी इलाकों की सांस्कृतिक विरासत, पारंपरिक शासन व्यवस्था और सामुदायिक प्रथाओं के प्रदर्शन के लिए एक राष्ट्रीय मंच उपलब्ध कराना है।
24 दिसंबर को कई खास राष्ट्रीय पहल शुरू की जाएंगी। इसमें पेसा लागू करने की जानकारी फैलाने और उसकी निगरानी के लिए एक पेसा पोर्टल को लॉच किया जाएगा। राज्यों में लागू करने की स्थिति का आकलन करने के लिए पेसा इंडिकेटर, जमीनी स्तर पर क्षमता निर्माण को मजबूत करने के लिए आदिवासी भाषाओं में पेसा पर ट्रेनिंग मॉड्यूल और हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले पर एक ई-बुक, जिसमें उसके पारंपरिक ज्ञान, संस्कृति और विरासत के दस्तावेजीकरण करने पर भी चर्चा की जाएगी।
इस समारोह के हिस्से के तौर पर आंध्र प्रदेश की पेसा ग्राम पंचायतों में सभी पेसा राज्यों के प्रतिनिधियों की भागीदारी के साथ खास ग्राम सभाएं आयोजित की जाएंगी, जो पेसा की दस पहचानी गई थीम पर फोकस करेंगी। इसके अलावा 24 दिसंबर को 10 पेसा राज्यों में खास ग्राम सभाएं होंगी, जिनका मकसद समुदाय की भागीदारी को मजबूत करना, प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा, पारंपरिक तरीकों को बचाना, रोजी-रोटी और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देना है।
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