लखनऊ , दिसंबर 24 -- उत्तर प्रदेश में विधानसभा सत्र के शीतकालीन सत्र के दौरान बुधवार को समाजवादी पार्टी (सपा) ने अरावली पहाड़ियों पर कथित कब्जे और राज्य में बिजली व्यवस्था को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला।

सपा विधायक अतुल प्रधान बैनर लेकर सदन में पहुंचे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा केंद्र सरकार पर अरावली की पहाड़ियों को अपने चहेते कारोबारियों को बेचने का आरोप लगाया।

इस बीच सपा की विधायक रागिनी सोनकर ने प्रदेश में बिजली उत्पादन और वितरण की असमानता का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि गांवों में 12 घंटे तक बिजली कटौती हो रही है, जिससे आम जनजीवन प्रभावित है। उन्होंने सवाल किया कि अगर वितरण में कठिनाई है तो इसके लिए अब तक किस पर कार्रवाई की गई।

श्रीमती सोनकर ने अडानी समूह से 5.383 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीद और 25 वर्षों के दीर्घकालिक अनुबंध पर भी आपत्ति जतायी।

इन आरोपों पर जवाब देते हुए ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि विपक्ष के आरोप तथ्यहीन हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में पूर्ववर्ती सरकार के समय इससे अधिक दर पर बिजली खरीदी गई थी। उस दौरान केएसके लिमिटेड से 6.25 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीद का अनुबंध किया गया था।

ऊर्जा मंत्री ने दावा किया कि प्रदेश में 2.50 लाख गांव और मजरे तक बिजली पहुंचाई जा चुकी है। उन्होंने बताया कि 1947 से 2017 तक प्रदेश का कुल बिजली उत्पादन करीब 6,000 मेगावाट था, जो अब बढ़कर 11,000 मेगावाट से अधिक हो गया है।

सत्र के दौरान सपा के वरिष्ठ नेता एवं विधायक शिवपाल यादव ने ग्रामीण क्षेत्रों में 20 घंटे बिजली आपूर्ति की मांग की और इस संबंध में ऊर्जा मंत्री से स्पष्ट घोषणा करने की मांग की।

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