नयी दिल्ली , नवंबर 27 -- केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने विदेशी परिसंपत्तियों के संबंध में कर दायित्व के स्वैच्छिक अनुपालन को मजबूत करने के लिए दूसरा 'नज' अभियान शुरू करने की घोषणा की है जिसके तहत इकाइयों को उनसे संबंधित सूचनाओं के आधार पर अनुपालन के लिए उनका मार्गदर्शन किया जाता है और उन्हें सहयोग दिया जाता है।

वित्त मंत्रालय की गुरुवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार दूसरी 'नज' पहल के तहत सीबीडीटी 28 नवंबर 2025 से चिन्हित करदाताओं को एसएमएस और ईमेल भेजेगा, जिसमें उन्हें दंडात्मक परिणामों से बचने के लिए 31 दिसंबर 2025 तक या उससे पहले स्वेच्छा से अपने आईटी रिटर्न की समीक्षा और संशोधन करने की सलाह दी जाएगीविज्ञप्ति के अनुसार सीबीडीटी ने कर सूचनाओं के स्वचालित आदान-प्रदान के समझौतों के तहत दूसरे देशों से वित्त वर्ष 2024-25 (कलैंडर वर्ष 2024) की सूचनाओं के विश्लेषण में उच्च जोखिम वाले ऐसे मामले देखें है जहां अघोषित विदेशी परिसंपत्तियां होने की संभावना है। ऐसी सम्पत्तियों के बारे में आकलन वर्ष 2025-26 के लिए दाखिल किए गए आयकर रिटर्न में सूचनाएं नहीं दी गई है।

इस अभियान का उद्देश्य आईटीआर में अनुसूची विदेशी संपत्ति (एफए) और विदेशी स्रोत आय (एफएसआई) की सही रिपोर्टिंग को सुगम बनाना है। आयकर अधिनियम, 1961 और काला धन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) एवं कर अधिरोपण अधिनियम, 2015 के तहत विदेशी संपत्ति और आय का सटीक और पूर्ण खुलासा एक सांविधिक अनिवार्यता है।

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