चेन्नई , नवंबर 25 -- निलंबित हो चुके अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री के ए सेंगोट्टायन अपने राजनीतिक करियर को बनाये रखने के लिए अभिनेता से राजनेता बने विजय की पार्टी तमिलगा वेत्री कड़गम (टीवीके) में शामिल हो सकते हैं।
इस बीच, सूत्रों के अनुसार अन्नाद्रमुक के एक अन्य पूर्व नेता ओ पन्नीरसेल्वम भी इस दिशा में विचार कर रहे हैं। द्रमुक महासचिव एडप्पडी के पलानीस्वामी के खिलाफ विद्रोह को हवा देने के लिए निष्कासित किये गये श्री सेंगोट्टायन बीते कुछ समय से अपने राजनीतिक करियर को पुनर्जीवित करने की कोशिश में हैं। श्री पन्नीरसेल्वम का मामला भी कुछ ऐसा ही है। पन्नीरसेल्वम और टीटीवी दिनाकरण 2024 लोकसभा चुनाव में एनडीए का हिस्सा थे, लेकिन यह पता चलने पर कि भाजपा उन्हें अन्नाद्रमुक में दोबारा जगह नहीं दिला सकती, उन्होंने गठबंधन से किनारा कर लिया है।
ऐसी स्थिति में विशेषज्ञों का मानना है कि उनके पास विजय का दामन थामने के अलावा कई विकल्प मौजूद नहीं हैं। विजय ने भाजपा और उसकी साझेदार पार्टियों से हाथ न मिलाने का अपना रुख़ साफ़ कर दिया है। ऐसे में द्रमुक से निकाले जा चुके सेंगोट्टायन, पन्नीरसेल्वम और दिनाकरण जैसे नेताओं के लिए टीवीके का दामन थामना एक विकल्प है।
सेंगोट्टायन, पन्नीरसेल्वम और टीटीवी के करीबी सूत्रों का कहना है कि टीवीके के साथ हाथ मिलाने पर सक्रिय रूप से विचार किया जा रहा है क्योंकि इससे उन्हें ज़रूरी ताकत मिलेगी। सत्तारूढ़ द्रमुक के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा बनने का विकल्प अकल्पनीय है और वे ऐसा करते हैं तो यह उनके राजनीतिक करियर का अंत साबित होगा।
श्री पलानीस्वामी 30 नवंबर को श्री सेंगोट्टायन के गृह क्षेत्र गोबिचेट्टीपलायम से राज्यव्यापी अभियान का दूसरा चरण फिर से शुरू करेंगे। इसे निष्कासित नेता के प्रति एक स्पष्ट अपमान के रूप में देखा जा रहा है। इसलिए, रिपोर्टों के अनुसार, उनके समर्थक चाहते हैं कि वे उससे पहले टीवीके में शामिल हो जायें।
क्या इससे ओपीएस और टीटीवी के लिए विजय के साथ आने का रास्ता खुलेगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा। टीवीके के सूत्रों का कहना है कि नेतृत्व चुनावी राजनीति का अनुभव रखने वाले नेताओं के पार्टी में आने से परहेज नहीं कर रहा है, क्योंकि इससे पार्टी मजबूत होगी।
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