वाराणसी, सितंबर 28 -- भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार ने पर्वतमाला परियोजना के तहत एशिया के पहले अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे प्रोजेक्ट को वाराणसी में शुरू करने की योजना बनाई है।

यह रोपवे 3.8 किलोमीटर की दूरी को कवर करेगा, जो वाराणसी कैंट स्टेशन से गोदौलिया तक होगा। इस मार्ग पर विद्यापीठ और रथयात्रा इंटरमीडिएट स्टेशन होंगे, जबकि गिरजाघर एक टेक्निकल स्टेशन होगा। कुल पांच स्टेशन और 29 टावर बनाए जाएंगे। इस परियोजना की कुल लागत 815.58 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है।

रोपवे से संबंधित भ्रांतियों को दूर करने के लिए मंडलायुक्त एस. राजलिंगम के निर्देश पर वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) के उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने वीडीए सभागार में रविवार को पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि रोपवे की क्षमता 3000 यात्री प्रति घंटा प्रति दिशा है, जो 16 घंटे के संचालन में प्रतिदिन लगभग 96,000 यात्रियों को सेवा प्रदान करेगी। इसके लिए 150 गोंडोला लगाए जाएंगे। यह क्षमता भारत के सबसे बड़े गुलमर्ग रोपवे से 2.5 गुना अधिक है। उच्च क्षमता के कारण बड़े व्यास की रस्सियां, हाई पावर ड्राइव्स, स्टैंडबाय सिस्टम, बड़े टर्मिनल, उन्नत नियंत्रण और संचार प्रणाली, तथा बेहतर निकासी और बचाव प्रावधान आवश्यक हैं।

रोपवे की टिकट दरें आम जनता के लिए किफायती रखने के उद्देश्य से स्टेशनों को केवल ट्रांजिट पॉइंट तक सीमित नहीं रखा जाएगा, बल्कि इन्हें मल्टी-स्टोरी कमर्शियल स्पेस, बजट होटल और ऑफिस स्पेस के रूप में भी विकसित किया जाएगा। इसके लिए लगभग 2,00,000 वर्ग फीट का निर्माण होगा।

इससे रोपवे को निरंतर राजस्व प्राप्त होगा, परियोजना आत्मनिर्भर बनेगी, और शहर की आर्थिक गतिविधियों व रोजगार में वृद्धि होगी। नवीनतम तकनीक और उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री (गोंडोला और रस्सियों सहित) का उपयोग किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि एक उन्नत नियंत्रण कक्ष से सभी गतिविधियों और सुरक्षा मापदंडों की सेंसर के माध्यम से 24 घंटे निगरानी की जाएगी। आपात स्थिति के लिए तीन स्तर की सुरक्षा व्यवस्था होगी। गोंडोला स्वचालित रूप से निकटतम स्टेशन तक पहुंच जाएगा। सहायक मोटर और डीजल जनरेटर सेट हर समय उपलब्ध रहेंगे। प्रशिक्षित दल के साथ क्रेन द्वारा बचाव की व्यवस्था होगी, और गोंडोला बाहर से खोले जा सकेंगे।

उन्होंने बताया कि सुरक्षा के लिए चार स्तर का प्रमाणन होगा, जिनमें कन्सेशनेयर, सुरक्षा सलाहकार, स्वतंत्र इंजीनियर, और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नामित रोपवे निरीक्षक शामिल हैं। रोपवे घनी आबादी वाले शहरी क्षेत्र से होकर गुजरेगा और मौजूदा इमारतों के ऊपर से जाएगा। इसलिए टावरों की ऊंचाई अधिक रखी गई है, जिसमें सबसे ऊंचा टावर 160 फीट है। इन टावरों की नींव 80 फीट गहरी बनाई गई है।

उन्होंने बताया कि गंगा के मैदानी क्षेत्र में होने के कारण स्टेशनों में पाइल फाउंडेशन लगभग 100 फीट गहरी बनाई गई है। कैंट स्टेशन में लगभग 500 पाइल्स और अन्य स्टेशनों में 300 से अधिक पाइल्स बनाए जा रहे हैं। मार्ग संरेखण के कारण रथयात्रा से गोदौलिया की ओर मुड़ते समय तेज मोड़ पर गिरजाघर स्टेशन बनाना आवश्यक हुआ।

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