वाराणसी , दिसंबर 1 -- उत्तर प्रदेश के वाराणसी में प्रतिबंधित कफ सिरप कांड के तार अब सेंट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष अधिवक्ता राजा आनंद ज्योति की संदिग्ध मौत से जुड़ते दिख रहे हैं। सोमवार को पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच के साथ-साथ फॉरेंसिक लैब से विसरा रिपोर्ट की दोबारा जांच कराने के आदेश दे दिए।

मृतक अधिवक्ता की पत्नी भारती सिंह ने कुछ दिन पहले उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को पत्र देकर मामले की जांच की मांग की थी। भारती सिंह का आरोप है कि उनके पति की हत्या शुभम जायसवाल और अमित सिंह उर्फ टाटा ने जहर देकर करवाई थी। गौरतलब है कि कफ सिरप कांड में अमित सिंह टाटा और शुभम जायसवाल के पिता भोला प्रसाद पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं, जबकि मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल अभी फरार है।

सोमवार को भारती सिंह ने पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल से मुलाकात कर न्याय की गुहार लगाई। पुलिस आयुक्त ने बताया कि यह घटना पिछले साल नवंबर महीने की है। उस समय आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण स्पष्ट नहीं था। विसरा सुरक्षित रखकर फॉरेंसिक जांच कराई गई थी, जिसमें मौत का कारण शराब (एल्कोहल) बताया गया था। परिजनों ने कोर्ट में मुकदमा दर्ज करने की अर्जी दी थी, लेकिन कोर्ट ने फॉरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर इसे सामान्य मौत मानते हुए अर्जी खारिज कर दी थी।

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