नयी दिल्ली , दिसम्बर 01 -- राज्यसभा के सभापति सी पी राधाकृष्णन ने सदस्यों से सदन में परिपक्व तथा सार्थक बहस करने का आह्वान करते हुए सोमवार को कहा कि लोगों की आकांक्षाओं और उम्मीदों को पूरा करना सबका धर्म है।
श्री राधाकृष्णन ने शीतकालीन सत्र के पहले दिन उनके स्वागत सम्मान में वक्तव्य देने वाले सभी सांसदों को धन्यवाद देते हुए कहा ," राज्यसभा के सभापति और उप राष्ट्रपति के रूप में भारत माता की सेवा करने का अवसर मेरे लिए गौरव का क्षण है।"उन्होंने कहा कि यह पद उन्हें आसन के दायित्वों और जिम्मेदारियों के प्रति सजग करता है। सांसदों से परिपक्व और सार्थक बहस करने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि महान तमिल कवि तिरूवल्लुवर ने कहा था," हमें केवल उपयोगी और सार्थक शब्द बोलने चाहिए और ऐसे शब्दों से बचना चाहिए जो समाज का हित नहीं करते। "सभापति ने सदस्यों से संवैधानिक मूल्यों को अपनाने का भी आह्वान किया जिससे कि हर नागरिक सुरक्षित महसूस कर सके। उन्होंने कहा कि लोगों की उचित आकांक्षाओं को पूरा करना हम सब का धर्म है।
राष्ट्र निर्माण में लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में ही व्यक्ति साधारण पृष्ठभूमि से सर्वोच्च पदों पर पहुंच सकता है।
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