उदयपुर , दिसम्बर 21 -- राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागडे ने कहा है कि लोक है तो आलोक है और लोक कला जीवन का असली आलोक है, क्योंकि इसमें कोई बनावट नहीं, नैसर्गिकता है।
श्री बागडे रविवार शाम को केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय के तहत पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, उदयपुर की ओर से हवाला स्थित शिल्पग्राम में आयोजित हो रहे दस दिवसीय 'शिल्पग्राम उत्सव' के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने समारोह में अन्य अतिथियों के साथ दीप प्रज्वलित करके समारोह का और नगाड़ा बजाकर शिल्पग्राम उत्सव का आगाज किया। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों सहित सभी का आह्वान किया कि बच्चों को कला एवं संस्कृति की शिक्षा दें, उन्हें मंच पर मौका दें, ताकि वे लोक संस्कृति को आगे बढ़ा सकें और इसे संरक्षित कर सकें।
समारोह के अतिविशिष्ट आमंत्रित अतिथि पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि यह सांस्कृतिक महोत्सव एक भारत-श्रेष्ठ भारत का जीवंत प्रतीक है। ऐसे मेले देश की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा को आगे ले जाने में महती भूमिका निभाते हैं। मेले के इस स्वरूप में सभी आयु वर्ग वालों को कुछ न कुछ अवश्य मिलता है।
उन्होंने लोक कलाकारों का अपने शहर में स्वागत करते हुए कहा कि इनकी लोककला को देख संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन दायित्व बोध होता है। उन्होंने पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक फुरकान खान और उनकी टीम की उत्सव के निरंतर सफल आयोजन की तारीफ की। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, उदयपुर के निदेशक फुरकान खान ने अतिथियों का स्वागत करते हुए उत्सव के संबंध में जानकारी दी। साथ ही, अतिथियों को स्मृति चिह्न भेंट किए।
समारोह में उदयपुर सांसद डॉ. मन्नालाल रावत, राज्यसभा सांसद चुन्नीलाल गरासिया, उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन और उदयपुर ग्रामीण विधायक फूल सिंह मीणा, संभागीय आयुक्त प्रज्ञा केवलरमानी मौजूद रहे।
समारोह में डॉ. कोमल कोठारी स्मृति लाइफटाइम अचीवमेंट लोक कला पुरस्कार राजकोट (गुजरात) के डॉ. निरंजन वल्लभभाई राज्यगुरु और जयपुर (राजस्थान) के रामनाथ चौधरी को प्रदान किया जाएगा। इस पुरस्कार में प्रत्येक को एक रजत पट्टिका के साथ ही दो लाख 51 हजार रुपए की राशि प्रदान की गई।
पुरस्कृत जयपुर के रामनाथ चौधरी अल्गोजा नाक से बजाने वाले दुनिया के अकेले कलाकार हैं। वहीं, राजकोट (गुजरात) के डॉ. निरंजन वल्लभभाई राज्यगुरु ने लोक एवं भक्ति संगीत पर फील्ड वर्क करके 700 घंटे का ध्वनि मुद्रांकन किया है।
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