बेंगलुरु , अक्टूबर 06 -- कर्नाटक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष विजयेंद्र येदियुरप्पा ने अलग वीरशैव-लिंगायत धर्म के मुद्दे पर सोमवार को अपनी राय व्यक्त करते हुए हिंदू धर्म की रक्षा और सामाजिक एकता बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया है।

श्री येदियुरप्पा ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि अलग लिंगायत धर्म की मांग ने एक बार फिर लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है और मीडिया में इस पर बहस तेज हो गई है। उन्होंने कहा कि समाज जानता है कि इन चर्चाओं में कौन सक्रिय रूप से शामिल है। जब तक यह बहस जारी है, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि हिंदू धर्म को कमजोर करने के किसी भी प्रयास से उसकी रक्षा हो।

कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए जाति सर्वेक्षण कराने और कुछ गतिविधियों में दिव्यांग व्यक्तियों को शामिल करने में दिखायी गयी तत्परता पर सवाल उठाया।

उन्होंने कहा कि हैरानी की बात यह है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया इतनी तत्परता क्यों दिखा रहे हैं। अभी तक पूरी तैयारी नहीं की गई है, फिर भी वह इसे 15 दिनों के भीतर पूरा करने पर बल दे रहे हैं। इतनी जल्दबाजी क्यों है। यह एक जटिल सवाल है लेकिन यह स्पष्ट है कि कुछ ताकतें समाज को अस्थिर करने और हिंदू धर्म पर हमला करने की कोशिश कर रही हैं। ये साजिशें पहले भी हुई हैं और नाकाम रही हैं। फिर भी सिद्धारमैया इसके पीछे की ताकतों से अनजान नहीं हैं।

श्री येदियुरप्पा ने समुदायों के बीच सामाजिक सद्भाव बनाए रखने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि समाज को आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक रूप से एकजुट करने के प्रयास किए जाने चाहिए। सभी समुदायों-चाहे वोक्कालिगा हों, वीरशैव-लिंगायत हों या पिछड़ी जातियां हों उन सभी न्याय मिलना चाहिए। सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित लोगों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। यह काम आज ही होना चाहिए।

कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष येदियुरप्पा ने नम्मा मेट्रो का नाम बदलने के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, "पहले भी सरकारी आदेशों में सभी कार्यालयों में बसवन्ना की तस्वीर लगाना अनिवार्य था। आज कुछ ताकतें वीरशैव-लिंगायतों के लिए अलग धर्म के मुद्दे को आगे बढ़ाकर अशांति पैदा करने का दुस्साहसिक प्रयास कर रही हैं। मुख्यमंत्री जानते हैं कि ये ताकतें कौन हैं, फिर भी यह मुद्दा बढ़ता ही जा रहा है।"श्री येदियुरप्पा ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री से सीधे अपील करते हुए कहा कि राज्य के मुखिया होने के नाते आपका प्राथमिक कर्तव्य सभी लोगों की रक्षा करना है। चाहे उनका धर्म या समुदाय कुछ भी हो। बसवेश्वर के नाम पर मेट्रो का नाम रखना स्वागत योग्य और सराहनीय है लेकिन जनता को राजनीतिक कार्यों के पीछे के इरादों से भी अवगत होना चाहिए।

भाजपा नेता ने अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, लिंगायतों और वोक्कालिगा सहित सभी समुदायों तक सामाजिक न्याय पहुंचाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि सभी समुदायों में गरीब और वंचित लोग हैं। केवल एक समुदाय को लाभ पहुंचाने के लिए राजनीतिक रूप से प्रेरित प्रयास वास्तविक प्रगति नहीं ला सकते। सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक न्याय सभी को मिलना चाहिए।

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