लखनऊ , अक्टूबर 7 -- राजधानी लखनऊ के बिजनौर थाना क्षेत्र में पुलिस ने मंगलवार को अंतरराज्यीय सॉल्वर गैंग के 10 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। ये लोग चैट-जीपीटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से अभ्यर्थी और सॉल्वर की तस्वीरें मिलाकर नकली फोटो बनाते थे। इन फोटो से फर्जी आईडी और आधार कार्ड बनाकर परीक्षाओं में धांधली करते थे।

पांच अक्टूबर को आईबीपीएस की परीक्षा के दौरान बिजनौर के बीआर परीक्षा केंद्र पर एजेंसी को मिला एक ई-मेल सूचना पर पुलिस ने जांच शुरू की। इसमें बताया गया कि गौरव आदित्य की जगह अभिषेक कुमार परीक्षा दे रहा है। जांच में यह सत्य पाया गया और अभिषेक को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में गैंग के अन्य 9 सदस्य भी पकड़े गए।

डीसीपी साउथ निपुण अग्रवाल ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में आनंद कुमार (जहानाबाद, बिहार), गौरव आदित्य (पटना), हर्ष जोशी (चंपावत, उत्तराखंड), भागीरथ शर्मा (गया, बिहार), सुधांशु कुमार (लखीसराय, बिहार), धनंजय कुमार सौरभ (जहानाबाद), राजीव नारायण पांडे, मुकेश कुमार और आशीष रंजन शामिल हैं। गैंग का मुखिया आनंद कुमार यूपी ग्रामीण बैंक में असिस्टेंट मैनेजर हैं, जिनकी तैनाती खबपुरा (संभल) में है।

गैंग में एक अभ्यर्थी को पास कराने के लिए पांच लाख 20 हजार रुपए में सौदा होता था, जिसमें दो लाख रुपए आनंद कुमार के हिस्से आते थे। पहली परीक्षा में बैठने वाले को 20 हजार रुपये दिए जाते थे और मुख्य परीक्षा में बैठने वाले को एक लाख रुपये मिलते थे। बाकी राशि गैंग के अन्य सदस्य बांट लेते थे।

डीसीपी ने बताया कि आरोपी फेस मिक्सिंग ऐप्स जैसे मिक्स ग्राइंडर, जैमिनी एआई, चैट जीपीटी और फोटोर के जरिए दो चेहरे मिलाकर नए फोटो बनाते थे, जिससे परीक्षा में किसी को संदेह नहीं होता था। इस तरह नकली आधार कार्ड बनाकर असली अभ्यर्थी की जगह पेपर देने भेजा जाता था।

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