विद्या शंकर रायलखनऊ , दिसंबर 2 -- उत्तर प्रदेश में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर भाजपा, आरएसएस और राज्य सरकार ने अपनी तैयारियों को अमली जामा पहनाने की क़वायद शुरू कर दी है। सूत्रों की मानें तो भाजपा लखनऊ में एक बड़ा हिंदू सम्मेलन करने का खाका तैयार कर रही है। जल्द ही इसकी पूरी रुपरेखा सामने आएगी।
भाजपा के एक प्रदेश उपाध्यक्ष ने बताया कि शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित होने जा रहे इस हिंदू सम्मेलन में मुख्यमंत्री योगी को हिंदुत्व के प्रमुख चेहरे के रूप में पेश किए जाने की तैयारी चल रही है।
उन्होंने बताया कि, " बैठक में एसआईआर से जुड़ी कार्यप्रणाली पर भी मंथन हुआ। एसआईआर में कम सक्रियता दिखाने वाले विधायकों को सचेत करने, सरकार, संगठन, संघ के पदाधिकारियों को और सक्रिय करने पर बात हुई। प्रभारी मंत्रियों को जिलों में विभागीय बैठकों के बाद संघ पदाधिकारियों से भी समन्वय बैठक करने पर सहमति बनी।"सूत्रों का कहना है कि बैठक में आगामी दिनों में सरकार और संगठन में संभावित फेरबदल पर भी प्रारंभिक चर्चा हुई। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का चुनाव, मंत्रिमंडल में संभावित बदलाव, जैसे मुद्दों पर विचार-विमर्श कर शीर्ष नेतृत्व को रिपोर्ट भेजे जाने की तैयारी है।
भाजपा से जुड़े सूत्रों के मुताबिक़ 14 दिसंबर से पहले नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा हो सकती है लेकिन कैबिनेट विस्तार मकर संक्रांति के बाद ही होने की संभावना है।
हालाकि अगस्त 2024 के बाद यह पहली विशेष समन्वय बैठक थी। इस बैठक में मिशन 2027 को लेकर पार्टी की सक्रियता को स्पष्ट किया है। सूत्रों के अनुसार, लखनऊ में एक बड़े हिंदू सम्मेलन की तैयारियां भी चल रही हैं। इसके पीछे का तर्क है कि हिंदू समाज में जातिगत विभाजनों को कम करते हुए व्यापक एकजुटता बनाने की रणनीति पर संघ काम कर रहा है।
मुख्यमंत्री आवास पर सोमवार देर शाम दो घंटे चली बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ आरएसएस के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार और भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष भी मौजूद थे।
इनके अलावा उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक के अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र प्रचारक अनिल कुमार, पश्चिम के क्षेत्र प्रचारक महेंद्र कुमार, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह भी शामिल रहे।
योगी के आवास पर हुई बैठक से पहले अरुण कुमार और बीएल संतोष ने भारती भवन (संघ कार्यालय) में कई नेताओं से मुलाकात कर प्रदेश की राजनीतिक और संगठनात्मक स्थिति पर फीडबैक लिया।
संघ से जुड़े सूत्रों की मानें तो पूर्वी व पश्चिमी यूपी के क्षेत्र प्रचारकों के साथ बंद कमरे की बैठक में शाखाओं के विस्तार, स्वयंसेवकों की सक्रियता और सामाजिक समरसता जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई।
संघ के मजदूर, शिक्षा, व्यापारिक और अन्य समूहों से मिले फीडबैक को भी सीएम के समक्ष रखा गया, ताकि सरकार जमीनी जरूरतों के अनुसार कार्य कर सके।
बैठक में यह भी संकेत मिला कि जल्द ही निगमों, आयोगों और बोर्डों में भाजपा के पुराने व अनुभवी कार्यकर्ताओं को स्थान दिया जा सकता है।
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