लखनऊ, सितंबर 28 -- उत्तर प्रदेश में लखनऊ पुलिस ने रविवार को धर्मांतरण कराने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार किया। आरोपी अपने खेत में बने हॉलनुमा मकान में चंगाई सभा आयोजित करता था। यहां बीमारियों को ठीक करने और पैसों सहित तरह-तरह के प्रलोभन देकर भोले-भाले अनुसूचित जाति की महिलाओं और बच्चों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करता था। पुलिस ने उसके पास से ईसाई धर्म से संबंधित कई पुस्तकें और अन्य सामग्री भी बरामद की है।
पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) निपुण अग्रवाल ने बताया कि आरोपी की पहचान चख्तीरी खेड़ा मजरा मेहंदौली निवासी मलखान के रूप में हुई है। मलखान ने खेत में बने मकान को चर्च की तरह इस्तेमाल करना शुरू किया था। यहां हर रविवार और गुरुवार को सभा आयोजित कर वह इलाके के लोगों को बुलाता और इलाज तथा चमत्कार दिखाने का दावा करता था। बताया जा रहा है कि कई लोगों का वह बपतिस्मा (दीक्षा) के ज़रिए धर्मांतरण कर चुका है।
पुलिस की जांच में सामने आया कि मलखान ने 2016 में खुद ईसाई धर्म अपनाया था। इसके बाद उसने 'यीशु चंगाई सभा' नाम से वॉट्सऐप ग्रुप बनाया, जिसमें खासकर अनुसूचित जाति के लोगों को जोड़ा। इस ग्रुप और सभाओं के जरिये वह करीब एक दर्जन से अधिक महिलाओं और बच्चों को प्रलोभन देकर धर्मांतरण करा चुका है। पुलिस अब उसके आर्थिक स्रोतों और धर्मांतरण के शिकार लोगों से पूछताछ कर रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि मलखान पहले साधारण किसान था और अपने परिवार के साथ एक कमरे के मकान में रहता था। लेकिन ईसाई धर्म अपनाने के बाद उसने खेत में बड़ा हाल बनवाया। वहीं पर प्रार्थना-सभा आयोजित कर गांव के लोगों को चंगाई यानी चमत्कार से बीमारी ठीक करने का झांसा देता था। पुलिस की पूछताछ में यह भी सामने आया है कि उसने गांव के एक मिर्गी पीड़ित किशोर पर हाथ फेरकर इलाज का ढोंग रचा और धीरे-धीरे उसके परिवार को धर्मांतरण के लिए तैयार कर लिया।
पुलिस के अनुसार, धर्मांतरण के बाद मलखान को पास्टर का पद भी मिल गया, जिसके तहत वह प्रार्थना सभाओं में आए लोगों को मार्गदर्शन देने और नेतृत्व करने लगा। ग्रामीण इलाका होने की वजह से वह आसानी से ज्यादा लोगों तक पहुंच भी बना रहा था। फिलहाल पुलिस इस पूरे नेटवर्क की गहनता से छानबीन कर रही है।
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