नयी दिल्ली , दिसंबर 23 -- रेलवे ने दुर्घटना में वन्यजीवों की मौत हो रोकने के लिए ट्रैकों पर कृत्रिम बुद्धि (एआई) आधारित कैमरों की प्रणाली को मजबूत करने का निर्णय लिया है।

रेलवे की ओर से मंगलवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार ये एआई आधारित कैमरे ट्रैक पर हाथियों, शेरों, बाघों को बचाने के लिए लोको पायलटों को 0.5 किलोमीटर पहले ही सचेत कर देंगे। रेलवे ने रेलवे ट्रैक पर हाथियों की मौजूदगी का पता लगाने के लिए वितरित ध्वनिक प्रणाली (डीएएस) का इस्तेमाल करके एआई सक्षम इंट्रूज़न डिटेक्शन सिस्टम (आईडीएस) लगाने का फैसला लिया है। ये प्रणालियां मौजूदा समय में भी लगाई गयी है, जिनकी संख्या में और वृद्धि की जाएगी।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि हाथियों ट्रेनों की चपेट में आने को रोकने के लिए पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने 141 आरकेएमएस ( इसका कवच जैसे रेलवे सुरक्षा प्रणालियों की तैनाती के संदर्भ में उपयोग किया जाता है) एआई सक्षम इंट्रूज़न डिटेक्शन सिस्टम लगया है। रेलवे के अनुसार यह प्रणाली सफलतापूर्वक काम कर रही है, और इसके प्रदर्शन के आधार पर, पूरे भारतीय रेलवे में लागू करने के लिए 981 आरकेएमएस के लिए और निविदा जारी की गयी है।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह सिस्टम लोको पायलटों, स्टेशन मास्टरों और नियंत्रण कक्ष को रेलवे ट्रैक के पास हाथियों की आवाजाही के बारे में रियल-टाइम अलर्ट देता है, जिससे समय पर बचाव कार्रवाई की जा सके। भारतीय रेलवे तकनीक-आधारित समाधानों के माध्यम से रेलवे ट्रैक पर वन्यजीवों, खासकर हाथियों की मौतों को रोकने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है।

गौरतलब है कि हाल ही में असम में रेल दुर्घटना में सात हाथियों की मौत हो गयी थी।

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