नयी दिल्ली , नवंबर 26 -- वाहन उद्योग ने रेयर अर्थ पर्मानेंट मैगनेट विनिर्माण को प्रोत्साहन देने की केंद्र सरकार की योजना का स्वागत करते हुए बुधवार को कहा कि यह स्वच्छ मोबिलिटी समाधान को अपनाने में मददगार होगा।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रेयर अर्थ पर्मानेंट मैगनेट विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए 7,280 करोड़ रुपये की सात साल की योजना को मंजूरी प्रदान की। इसके तहत देश में चार-पांच वर्ष में कम से कम छह हजार टन सिंटर्ड रेयर अर्थ मैगनेट के विनिर्माण की पांच इकाइयों की स्थापना की जायेगी।
वाहन विनिर्माण की घरेलू कंपनियों के संगठन सियाम के अध्यक्ष शैलेश चंद्रा ने एक बयान में कहा कि भारतीय वाहन उद्योग सरकार की इस योजना का स्वागत करता है। उन्होंने कहा, "यह पहल मजबूत और स्थायी आपूर्ति श्रृंखला के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, विशेषकर इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन के लिए जरूरी कलपूर्जों और असेम्बलियों की आपूर्ति श्रृंखला के लिए।"उन्होंने कहा कि इस योजना से स्वच्छ मोबिलिटी समाधान को बढ़ावा और देश के वृहत हरित लक्ष्यों को समर्थन मिलेगा। घरेलू विनिर्माण क्षमताओं को मजबूत बनाते हुए, यह कार्बन उत्सर्जन कम करने और कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता घटाने के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा को और पुख्ता करने में मददगार होगा।
केंद्र सरकार की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, इस योजना के तहत पहले दो साल परियोजना की स्थापना के लिए होंगे। अगले पांच साल के लिए निर्धारित 7,280 करोड़ रुपये के कुल वित्तीय प्रोत्साहन में 6,450 करोड़ रुपये बिक्री से जुड़े प्रोत्साहन के रूप में तथा 750 करोड़ रुपये पूंजीगत सहायता के रूप में दिये जाएंगे।
रेनो इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्टीफन डिब्लेज ने मंत्रिमंडल के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार का यह कदम आत्मनिर्भरता की देश की आकांक्षा को मजबूती प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह रेयर अर्थ की रिफाइनिंग क्षमता को मजबूत करने और उच्च मूल्य वाले विनिर्माण को बढ़ावा देने की देश की रणनीतिक सोच को प्रतिबिंबित करता है। उन्होंने कहा कि रेयर अर्थ मैगनेट का स्थानीय उत्पादन होने से वाहन और कलपुर्जे बनाने वाली कंपनियों को फायदा मिलेगा, स्वच्छ ऊर्जा वाले इंजनों के विनिर्माण को समर्थन मिलेगा, आयात पर निर्भरता कम होगी, घरेलू आपूर्ति श्रृंखला का विस्तार होगा और दीर्घावधि के लिए प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता बढ़ेगी।
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