नयी दिल्ली, सितम्बर 26 -- विदेश मंत्रालय ने कहा है कि सरकार रूस की सेना में भर्ती 27 भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाने के हर संभव प्रयास कर रही है लेकिन साथ ही उसने भारतीय नागरिकों को आगाह किया है कि उन्हें इस तरह के प्रलोभनों से बचना चाहिए क्योंकि इनमें जान का खतरा होता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को ब्रीफिंग के दौरान भारत के कुछ नागरिकों के रूसी सेना में भर्ती होने से संबंधित सवाल परकहा , " हमें पता चला है कि कुछ और भारतीय रूसी सेना में शामिल हो गए हैं। हमें यह बात उनके परिवारों से पता चली। हमने इस मुद्दे को रूसी सरकार और यहाँ रूसी दूतावास के समक्ष फिर से बहुत ज़ोरदार तरीके से उठाया है।"उन्होंने कहा, "वहां लगभग 27 भारतीय हैं और हमने उनकी रिहाई का आग्रह किया है। हम उन्हें वापस लाने का प्रयास कर रहे हैं। हम इस मामले में उनके परिवार के सदस्यों के साथ भी लगातार संपर्क में हैं।"श्री जायसवाल ने भारतीय नागरिकों को आगाह करते हुए कहा, " हम एक बार फिर सभी भारतीय नागरिकों से रूसी सेना में सेवा देने के लिए दिए जा रहे प्रलोभनों से दूर रहने का आग्रह करते हैं क्योंकि इनमें जान का खतरा है। "उन्होंने इस संबंध में 11 सितंबर के विदेश मंत्रालय के उस परामर्श का ज़िक्र किया जो यूक्रेन संघर्ष में रूसी पक्ष में सेवा करने के लिए भारतीय नागरिकों को धोखा दिए जाने की खबरों के बाद जारी किया गया था।
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