मेहसाणा , अक्टूबर 09 -- गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को गुजरात खनिज विकास निगम (जीएमडीसी) के प्रबंध निदेशक रूपवंत सिंह ने गुरुवार को 237 करोड़ 67 लाख रुपए से अधिक राशि का चेक प्रदान किया।

श्री पटेल ने वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस (वीजीआरसी) का आज मेहसाणा स्थित गणपत विश्वविद्यालय परिसर से प्रारंभ कराया। नौ और 10 अक्टूबर के दौरान आयोजित हो रही इस कॉन्फ्रेंस के पहले दिन उनकी प्रोत्साहक उपस्थिति में गुजरात खनिज विकास निगम (जीएमडीसी) द्वारा क्रिटिकल मिनरल्सः नए उभरते क्षेत्रों में अवसर विषय पर परिसंवाद आयोजित हुआ।

श्री रूपवंत सिंह ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री को 237 करोड़ 67 लाख रुपए से अधिक राशि का चेक प्रदान किया। आरंभ में उन्होंने गुजरात का मिनरल क्षेत्र में विकास तथा जीएमडीसी के विजन के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

क्रिटिकल मिनरल्स की समझ, आधार तथा रणनीतिक परिप्रेक्ष्य विषय पर एलिस्टर नील तथा भास्कर रक्षित ने प्रेजेंटेशन दिया, जिसमें वैश्विक स्तर पर क्रिटिकल मिनरल्स के लिए भारत के विकल्प, सप्लाई चेन्स, विकास की समीक्षा, भारत तथा गुजरात के लिए अवसर आदि मुद्दों पर विस्तार से जानकारी दी गई।

इसके साथ कर्नी के पार्टनर निशांत निश्चल, लिथियम रिसाइकलिंग कंपनी के चीफ बिजनेस ऑफिसर, महिन्द्रा लिमिटेड के निदेशक आदि ने क्रिटिकल मिनरल्स विषय पर पैनल डिस्कशन किया।

जीएमडीसी खनन एवं ऊर्जा को अधिक शुद्ध, हरित तथा टिकाऊ बनाने के लिए निरंतर प्रयत्नशील है। जीएमडीसी ने इंटरनेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन मिंग सेफ्टी एंड ऑटोमेशन की स्थापना की है, जो नई तकनीकों पर काम कर रहा है। यह संस्थान सरकार, उद्योग तथा शैक्षणिक क्षेत्र में कौशल, भागीदारी तथा ढाँचागत सुविधाओं का निर्माण करता है।

भारत का विकासशील एयरोस्पेस क्षेत्र टिटेनियम अलॉय तथा रेयर अर्थ मैग्नेट्स पर निर्भर है, जो विमान के इंजन एवं एविओनिक्स के लिए जरूरी हैं, जबकि रक्षा क्षेत्र में रडार, सोनार एवं मिसाइल मार्गदर्शन सिस्टम्स के लिए रेयर अर्थ एलिमेंट्स जरूरी होते हैं। गुजरात ग्रीन व्हीकल पॉलिसी 2025 अंतर्गत ईवी अपनाने तथा चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर के प्रोत्साहन के लिए सब्सिडी का लाभ दे रहा है।

गुजरात की खनिज नीति अन्वेषण, एक्सप्लॉइटेशन तथा मिनरल आधारित उद्योगों में निवेश आकर्षित करने पर केन्द्रित है, जो टिकाऊ विकास एवं स्थानीय रोजगार पर बलदे रहा है। जीएमडीसी ने क्रिटिकल मिनरल्स सेगमेंट में कुल 4,500 करोड़ रुपए की परियोजनाएँ लागू की हैं, जो राज्य की वैश्विक सप्लाई चेन में भूमिका बढ़ाएगी।

क्रिटिकल मिनरल्स ऐसे महत्वपूर्ण खनिज हैं, जो स्वच्छ ऊर्जा, इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र के लिए आवश्यक हैं, परंतु उनकी आपूर्ति में विक्षेप होने का संकट रहता है। वैश्विक स्तर पर लिथियम, कोबाल्ट, निकल तथा रेयर अर्थ्स जैसे खनिज लो-कार्बन अर्थव्यवस्था के आधारस्तंभ है। इस कारण विश्व के कई देश इन खनिजों तक सतत पहुँच सुनिश्चित करने के लिए रणनीतियाँ बना रहे हैं।

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