पटना, सितंबर 27 -- बिहार की राजधानी पटना स्थित एक विशेष अदालत ने रिश्वत लेने के जुर्म में शनिवार को शेरघाटी के तत्कालीन भूमि सुधार उप समाहर्ता (डीसीएलआर) को एक वर्ष के सश्रम कारावास की सजा के साथ 20 हजार रूपये का जुर्माना भी किया।

निगरानी के विशेष न्यायाधीश मोहम्मद रुस्तम ने मामले में सुनवाई के बाद शेरघाटी के तत्कालीन भूमि सुधार उप समाहर्ता रमेश प्रसाद दिवाकर को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं में दोषी करार देने के बाद यह सजा सुनाई है। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर दोषी को एक माह के कारावास की सजा अलग से भुगतानी होगी।

आर्थिक अपराध इकाई के विशेष लोक अभियोजक संजीव कुमार ने बताया कि मामला वर्ष 2012 का था। निगरानी की आर्थिक अपराध इकाई के अधिकारियों ने दोषी डीसीएलआर को मनरेगा की रिपोर्ट भेजने के एवज में शिकायतकर्ता से 40 हजार रूपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। अभियोजन ने इस मामले में आरोप साबित करने के लिए 16 गवाहों का बयान अदालत में कलम बंद करवाया था।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित