मुंबई, सितंबर 30 -- उद्योगपति अनिल अंबानी के रिलायंस समूह की कंपनी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने अपने ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सर्वेक्षण से संबंधित मीडिया रिपोर्टों पर स्पष्टीकरण देते हुए मंगलवार को कहा कि ईडी ने 15 साल पुराने फेमा (विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम) के तहत यह कार्रवाई की।

कंपनी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि 2010 में, उसने जेआर टोल रोड (जयपुर-रिंगस हाईवे) के निर्माण के लिए प्रकाश एस्फाल्टिंग्स एंड टोल हाईवेज़ को एक ईपीसी (इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण) का ठेका दिया था। यह एक घरेलू अनुबंध था जिसमें कोई विदेशी मुद्रा शामिल नहीं थी।

यह विज्ञप्ति शेयर बाजारों के साथ भी साझा की गयी है। रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने इसमें कहा है कि परियोजना का कार्य पूरा हो चुका है, और कंपनी का उक्त ठेकेदार के साथ कोई निरंतर संबंध या रिश्ता नहीं है। कंपनी ने कहा है कि यह टोल रोड पिछले चार वर्षों से एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) के पास है।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि कंपनी और उसके अधिकारी जांच एजेंसी के साथ हमेशा की तरह पूर्ण सहयोग कर रहे हैं । ईडी की इस कार्रवाई का कंपनी के व्यावसायिक संचालन, वित्तीय प्रदर्शन, शेयरधारकों, कर्मचारियों या किसी अन्य हितधारक पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

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