रायपुर , दिसंबर 02 -- पहले एकदिवसीय में जबरदस्त प्रदर्शन के बाद भारत बुधवार को शहीद वीर नारायण सिंह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले जाने वाले दूसरे मैच में जीत दर्ज कर सीरीज में अजेय बढ़ाने उतरेगा। वहीं पिछले मैच में संघर्षपूर्ण प्रदर्शन करनी वाली दक्षिण अफ्रीका के तीन मैचों की सीरीज में बराबरी का अवसर होगा।
पहले मैच में विराट कोहली के 135 रन सिर्फ एक आंकड़े से कहीं अधिक थे। यह पारी को गति देने, हालात को समझने और साझेदारी संभालने का एक मास्टरक्लास था। रोहित शर्मा का लगातार योगदान और केएल राहुल की जरूरत पड़ने पर तेजी से रन बनाने की काबिलियत भारत की बल्लेबाजी लाइनअप की गहराई और अनुभव को दिखाती है। यशस्वी जायसवाल और रुतुराज गायकवाड़ जैसे युवा प्रतिभाशाली शीर्षक्रम और मध्यम क्रम में जोश भरते हैं। यह एक ऐसा फॉर्मूला है जिसे भारत दोहराना चाहेगा।
वहीं गेंदबाजी की बात करे तो कुलदीप यादव और हर्षित राणा ने कंसिस्टेंसी और स्मार्ट वैरिएशन की अहमियत दिखाई। अर्शदीप सिंह और प्रसिद्ध कृष्णा शुरुआती मूवमेंट का फायदा उठाने के लिए जरूरी तेज गेंदबाजी आक्रमण देते हैं, जबकि लाइट्स में पिच धीमी होने पर स्पिनर्स भी मैच जिता सकते हैं।
दक्षिण अफ्रीका की बात करे तो उसने रांची के हाई-स्कोरिंग कंडीशंस में मजबूती दिखाई। क्विंटन डी कॉक शीर्षक्रम में खतरा बने हुए हैं, जिनमें पारी की रफ़्तार तय करने में काबिल हैं। मैथ्यू ब्रीट्जके, मार्को यानसन और कॉर्बिन बॉश ने दिखाया कि निचले क्रम में साझेदारी कर मैच का पासा पलट सकती हैं, जिससे दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट की गहराई और अप्रत्याशित पर दबाव पड़ता है।
नंद्रे बर्गर और ओटनील बार्टमैन की अगुवाई में गेंदबाजी आक्रमण विविधता और भेदने की क्षमता देता है, जिससे पता चलता है कि पहले मैच में पिछड़ने के बावजूद दक्षिण अफ्रीका चुपचाप नहीं खेलेगा। पिच की अगर बात की जाये तो शहीद वीर नारायण सिंह स्टेडियम की पिच तो यह तेज गेंदबाज शुरुआती मूवमेंट हासिल कर सकते हैं, बल्लेबाजों को अपनी पारी पर ध्यान से आगे बढ़ाना होगा, और जैसे-जैसे दिन आगे बढ़ेगा, स्पिनर्स खेल में आएंगे।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित