भोपाल , अक्टूबर 12 -- मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने आज कहा कि रामायण केवल एक कथा नहीं, बल्कि जीवन का दर्शन है।
डॉ यादव यहां महर्षि वाल्मीकि जयंती प्रकटोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित 'समरसता सम्मेलन' को सम्बोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि रामायण केवल कथा नहीं, बल्कि जीवन का दर्शन है। महर्षि वाल्मीकि जी की वाणी से जो रामायण निकली, वह केवल ग्रंथ नहीं, बल्कि भारत की आत्मा है। महर्षि वाल्मीकि ने भगवान श्रीराम के जीवन प्रसंगों को घर-घर तक पहुंचाने का कार्य किया। अगर महर्षि वाल्मीकि ने रामायण न लिखी होती, तो आज हम रामराज्य की घटनाओं को इतनी जीवंतता से नहीं जान पाते।
डॉ यादव ने कहा कि वाल्मीकि जी ने केवल ग्रंथ नहीं रचा, बल्कि समाज को संस्कार और समरसता की शिक्षा दी। उन्होंने अपने जीवन से यह संदेश दिया कि कोई ऊंचा-नीचा नहीं होता , यही सामाजिक समरसता का सच्चा भाव है। महर्षि वाल्मीकि की लेखनी ने रामराज्य को अमर बना दिया, जैसे आज मीडिया समाज को जोड़ता है, वैसे ही महर्षि वाल्मीकि जी ने अपने समय में पूरी मानवता को जोड़ने का कार्य किया। महर्षि वाल्मीकि ने यह सिद्ध किया कि समाज में कोई व्यक्ति जन्म से नहीं, कर्म से महान होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संत परंपरा हमारी सबसे बड़ी शक्ति है। हमने भगवान को नहीं देखा, लेकिन संतों के जीवन में भगवान के दर्शन होते हैं। वाल्मीकि समाज ने देश को स्वच्छता, सेवा और समरसता की अमूल्य परंपरा दी है, वही सच्चा राष्ट्र निर्माण है। हम सबको महर्षि वाल्मीकि के आदर्शों पर चलकर समाज में समानता, एकता और प्रेम का दीप जलाना है।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित