नयी दिल्ली , दिसंबर 19 -- प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुग्राम के रामप्रस्थ प्रोमोटर एवं डेवलपर (आरपीडीपीएल) और उसकी सहयोगी कंपनियों से संबंधित मामले में 80.03 करोड़ रुपए की चल एवं अचल संपत्ति ज़ब्त की है। प्रवर्तन निदेशालय के गुरुग्राम क्षेत्रीय कार्यालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
ईडी ने कहा कि ज़ब्त की गयी संपत्तियों में वाटिका ग्रुप, यूनीटेक ग्रुप और दूसरी कंपनियों की चल एवं अचल संपत्तियां शामिल हैं। आरपीडीपीएल ने घर खरीदारों से इकट्ठा की गयी रकम परियोजना के लिये इस्तेमाल करने के बजाय इन कंपनियों को दी थी।
ईडी ने दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा और हरियाणा पुलिस द्वारा दर्ज की गयी कई प्राथमिकियों के आधार पर धन शोधन (रोकथाम) अधिनियम के तहत जांच शुरू की। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि आरपीडीपीएल और उसके प्रमोटरों ने कई घर/प्लॉट खरीदारों को धोखा दिया है, क्योंकि उन्होंने तय समय में वादे के मुताबिक फ्लैट एवं प्लॉट नहीं दिये, जबकि 10-14 साल से ज़्यादा समय बीत चुका है।
ईडी की जांच में पता चला कि आरपीडीपीएल ने 2008-2011 में गुरुग्राम के सेक्टर 37डी, 92, 93 और 95 में प्रोजेक्ट एज, प्रोजेक्ट स्काईज़, प्रोजेक्ट राइज़ और रामप्रस्था सिटी जैसी कई परियोजनाएं शुरू की थीं। परियोजनाएं शुरू होने के 3-4 साल के अंदर फ्लैट/ज़मीन खरीदार के हवाले करने का वादा किया गया था।
ईडी की जांच में पता चला कि आरपीडीपीएल ने इन परियोजनाओं के लिये 2600 से ज़्यादा घर खरीदारों से लगभग 1100 करोड़ रुपये इकट्ठा किये थे। आगे की जांच में पता चला कि घर खरीदारों से इकट्ठा की गयी निधि का इस्तेमाल परियोजनाओं को पूरा करने के बजाय, ऋण, एडवांस और ज़मीन के लेन-देन के बहाने समूह कंपनियों एवं गैर-समूह कंपनियों के हवाले किया गया था।
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