जोधपुर , दिसंबर 01 -- राजस्थान के उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने सोमवार को यहां 18 करोड़ रुपये की लागत से बने हैंडीक्राफ्ट कॉमन फैसिलिटी सेंटर का निरीक्षण किया और कहा कि सरकार अब इसी मॉडल पर मेटल और स्टोन सेक्टर के लिए भी नयी इकाइयां शुरू करने की तैयारी कर रही है ताकि इन क्षेत्रों के कारीगरों को भी आधुनिक मशीनरी, बड़े स्तर पर उत्पादन और नये बाज़ारों का लाभ मिल सके।

यह केंद्र राजस्थान के प्रसिद्ध हैंडीक्राफ्ट उद्योग, विशेषकर फर्नीचर निर्माण को आधुनिक तकनीक, बेहतर उत्पादन क्षमता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा की ताकत देने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। कर्नल राठौड़ ने कहा कि राजस्थान हमेशा से अपनी कारीगरी के लिए विश्वभर में जाना जाता है और सरकार का लक्ष्य है कि छोटे कारीगरों और एमएसएमई को वे सुविधाएं मिलें, जिनसे वे बड़ी कंपनियों के साथ भी बराबरी से प्रतिस्पर्धा कर सकें और अपने उत्पाद दुनिया भर में भेज सकें।

इस फैसिलिटी सेंटर में वे सभी हाई-टेक मशीनें लगायी गयी हैं, जिन्हें छोटे उद्यमी स्वयं खरीदने में सक्षम नहीं होते। अब वे यहां आकर बहुत कम लागत पर जॉब वर्क करवा सकते हैं और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद तैयार कर सकते हैं। इस पूरी परियोजना को भारत सरकार और राजस्थान सरकार ने मिलकर विकसित किया है, जिससे उन उद्यमियों को भी आधुनिक तकनीक का लाभ मिलेगा जिनके पास भारी निवेश की क्षमता नहीं है।

उन्होंने बताया कि सरकार कारीगरों और एमएसएमई को बड़ी राहत देने के लिए 25 प्रतिशत फ्रेट सब्सिडी भी उपलब्ध करा रही है, जिससे दूसरे राज्यों और विदेशों में सामान भेजने की लागत काफी कम हो जाएगी और उनके उत्पादों की मांग बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि यह विषय उन्होंने हाल ही में बोर्ड ऑफ ट्रेड की बैठक में भी उठाया है, ताकि केंद्र सरकार से और अधिक सहयोग मिल सके।

कर्नल राठौड़ ने कहा कि उद्योग विभाग जल्द ही हैंडीक्राफ्ट एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से विस्तृत वार्ता करेगा, जिससे सरकार और कारीगरों के बीच सीधा संवाद बने और उनकी जरूरतों के अनुरूप नीतियां और सुविधाएं तैयार की जा सकें। उन्होंने कहा कि यह सभी प्रयास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की उस दूरदृष्टि का हिस्सा हैं, जिसमें राजस्थान को उद्योग, निर्यात और एमएसएमई के क्षेत्र में देश का अग्रणी और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी राज्य बनाना है। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य स्पष्ट है छोटे कारीगरों को सशक्त बनाना, एमएसएमई को नयी ऊर्जा देना और राजस्थान के हैंडीक्राफ्ट को विश्व बाजार में नयी ऊंचाइयां दिलाना है।

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