लखनऊ , दिसंबर 28 -- उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने गुजरात के अहमदाबाद जिले के मेहसाणा स्थित थोल पक्षी अभयारण्य का भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने अभयारण्य क्षेत्र में पक्षी अवलोकन किया और वहां मौजूद प्रवासी एवं स्थानीय पक्षियों की समृद्ध जैव विविधता को नजदीक से देखा।

रविवार को भ्रमण के दौरान स्थानीय पक्षीविज्ञानी द्वारा राज्यपाल को विभिन्न पक्षी प्रजातियों की विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने साइबेरिया, रूस, मंगोलिया, कजाकिस्तान और चीन से आने वाले दुर्लभ प्रवासी पक्षियों-बार-हेडेड गीज, ग्रेलेग गीज, डालमेटियन पेलिकन, कॉमन क्रेन, ब्राह्मणी डक तथा रफ एंड रीव-को देखकर प्रसन्नता व्यक्त की। राज्यपाल ने कहा कि ऐसे अभयारण्य न केवल जैव विविधता के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, बल्कि प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता और जागरूकता भी बढ़ाते हैं।

इस अवसर पर राज्यपाल ने "एक पेड़ मां के नाम" अभियान के अंतर्गत कदंब का पौधरोपण भी किया। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण में वृक्षारोपण की अहम भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि प्रकृति का संरक्षण भावी पीढ़ियों के लिए हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।

कार्यक्रम के दौरान वन विभाग की उप वन संरक्षक डॉ. सक्कीरा बेगम सहित अन्य अधिकारियों और स्थानीय ग्रामीणों ने राज्यपाल का आत्मीय स्वागत किया।

गौरतलब है कि प्रवासी पक्षियों की समृद्ध विविधता के लिए विख्यात यह आर्द्रभूमि वर्ष 2021 में रामसर कन्वेंशन के तहत रामसर साइट के रूप में अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त कर चुकी है। झील, दलदली भूमि और हरित झाड़ियों से घिरा यह अभयारण्य शीत ऋतु में 118 से अधिक पक्षी प्रजातियों का आश्रय स्थल बनता है और जैव विविधता संरक्षण का प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत करता है।

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