जयपुर , अक्टूबर 03 -- राजस्थान के शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने केन्द्र सरकार से घुमन्तु जाति परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना में 50 हजार मकान पात्र लोगों के लिए प्रदेश को आवंटित करने, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना- जल ग्रहण घटक ( तृतीय चरण) के लिए शीघ्र परियोजना शुरू करने सहित नई परियोजनाएं प्रारंभ करने की मांग की है।
श्री दिलावर शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नयी दिल्ली मे केंद्रीय कृषि एव ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आयोजित पूरे देश के कृषि, ग्रामीण विकास, जल ग्रहण विकास मंत्रियो की बैठक को संबोधित करते रहे थे।
कोटा जिले की पंचायत समिति खैराबाद के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कक्षा से सीधे दिल्ली जुड़े श्री दिलावर ने केंद्रीय मंत्री सें मांग की कि राजस्थान मे प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना- जल ग्रहण घटक ( तृतीय चरण) के लिए शीघ्र परियोजना शुरू की जाए तथा राज्य को न्यूनतम 20 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल की परियोजनाएं स्वीकृत की जाए, क्योंकि अभी भी 127 लाख हैक्टेयर क्षेत्र स्वीकृति से शेष है! स्वीकृत परियोजना क्षेत्र के अतिरिक्त बाहर की जल संग्रहण संरचना को विकसित करने के प्रस्ताव की स्वीकृति भी प्रदान की जाए।
उन्होंने कहा कि राजस्थान कि भौगोलिक स्थितियों को देखते हुए बीहड क्षेत्रो के लिए बंजर भूमि विकास परियोजना स्वीकृत की जाए। मरुस्थलीय क्षेत्र में ओरण व चारागाह विकास के लिए गोचर भूमि विकास परियोजना स्वीकृत की जाये। उन्होंने कहा कि नदी तटीय क्षेत्रों में किनारो की भूमि कटाव की हमारे प्रदेश में बड़ी समस्या है। भूमि काटव को रोकने के लिए भूमि संरक्षण परियोजना सूचित की जाए।
श्री दिलावर ने कहा कि प्रदेश मे अनेक नदिया एवं अन्य प्राकृतिक जल स्रोत या तो विलुप्त हो चुके या विलुप्त हो रहे है। प्रदेश की विधानसभा क्षेत्र रामगंज मंडी में पाटली नदी जो सैकड़ो वर्ष पहले बहा करती थी वह विलुप्त हो गई थी, जिसे प्रयास करके पुनर्जीवित किया गया है। ऐसी ही विलुप्त हो रही नदियों/ नालों व झरनों को पुनः अस्तित्व में लाने के लिए नदी रिजूवनेशन परियोजनाएं स्वीकृत की जाए।
उन्होंने श्री चौहान का विशेष ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि राजस्थान में सरकारी व चारगह भूमियो में जूली फ्लोरा के कारण भूमियाँ खराब हो रही है, जिसके कारण स्थानी वनस्पति की प्रजातियां विलुप्त हो रही है।
इस समस्या के समाधान के लिए जुली फ्लोरा उन्मूलन कार्यक्रम को स्वीकृत किया जाए ताकि विलायती बबूल नाम की इस बीमारी से प्रदेश को निजात दिलाई जा सके।
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