मण्डावा (झुंझुनूं) , दिसम्बर 24 -- राजस्थान सरकार ने राज्य को राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय फिल्मांकन का पसंदीदा गंतव्य बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए प्रस्तावित राजस्थान फिल्म पर्यटन प्रोत्साहन नीति 2025 जारी की है।
नीति में सब्सिडी / प्रोत्साहन एवं ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के व्यापक प्रावधान शामिल किये गये हैं, जिससे यह नीति अन्य राज्यों की तुलना में फिल्म निर्माताओं के लिए आकर्षक होगी।
राजस्थान फिल्म पर्यटन प्रोत्साहन नीति 2025 जारी करते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर, मरुस्थलीय भू-भाग, ऐतिहासिक किले, महल और विविध प्राकृतिक लोकेशन्स विश्वस्तरीय हैं। नयी फिल्म पर्यटन नीति राज्य को फिल्मिंग हब के रूप में स्थापित करेगी और युवाओं के लिए रोजगार तथा कौशल विकास के नए अवसर खोलेगी।
उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने बताया की फिल्म निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए न केवल सब्सिडी दी जाएगी, अपितु प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाकर नीति का सुगम क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जायेगा।
राजस्थान में फीचर फिल्म, वेब सीरीज, टीवी सीरियल और डॉक्यूमेंट्री की शूटिंग पर किए व्यय का अधिकतम 30 प्रतिशत तक सब्सिडी देने का प्रावधान है। अधिकतम सब्सिडी सीमा फीचर फिल्म तीन करोड़, वेब सीरीज दो करोड़, टीवी सीरियल 1.5 करोड़ और डॉक्यूमेंट्री दो करोड़ निर्धारित की गयी है। सब्सिडी प्राप्त करने के लिए राज्य में न्यूनतम व्यय फीचर फिल्म के लिए दो करोड़, जबकि वेब सीरीज, टीवी सीरियल और राजस्थानी भाषा की फिल्मों के लिए एक करोड़ अनिवार्य होगा। राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार के नियंत्रण वाले शूटिंग स्थानों की अनुमति शुल्क एवं फीस (अधिकतम पाँच दिन) की 100 प्रतिशत प्रतिपूर्ति दी जाएगी।
राजस्थान में फिल्माई गयी अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त फीचर फिल्मों को अधिकतम एक करोड़ रुपये तथा भारत सरकार के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्त फिल्मों को अधिकतम 50 लाख रुपये प्रोत्साहन राशि मिलेगी।
फिल्म एन्ड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया पुणे, सत्यजीत रे फिल्म एन्ड टेलीविजन इंस्टीट्यूट कोलकाता और नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा, नयी दिल्ली (एनएसडी) में अध्ययन / प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले राजस्थान निवासी छात्रों को छात्रवृत्ति दी जाएगी। प्रत्येक वर्ष 10 छात्रों को चयनित कर अधिकतम 50 हजार रुपए की 100 प्रतिशत ट्यूशन फीस सहायता एवं पांच हजार प्रतिमाह तक 100 प्रतिात स्टाईपेंड प्रदान किया जाएगा।
पर्यटन विभाग राज्य की सभी शूटिंग लोकेशन्स की विस्तृत डायरेक्टरी तैयार करेगा। साथ ही एक ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया जाएगा, जिसमें निर्माता निर्देशक से लेकर कलाकार, तकनीशियन, संगीतकार, कोरियोग्राफर और लाइन प्रोड्यूसर तक सभी की सूची उपलब्ध रहेगी। यह पोर्टल फिल्म निर्माताओं के लिए वन-स्टॉप समाधान बनेगा।
थिएटर में रिलीज होने वाली हिंदी फिल्मों को न्यूनतम 200 स्क्रीन, राजस्थानी फिल्मों को 25 स्क्रीन और अन्य भाषाओं की फिल्मों को 100 स्क्रीन पर रिलीज करना अनिवार्य होगा। सभी सब्सिडी प्राप्त फिल्मों के लिए राज्य सरकार और पर्यटन विभाग को श्रेय देना अनिवार्य होगा।
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