अमृतसर , दिसंबर 24 -- शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के सदस्याें ने आरोप लगाया है कि गुरु ग्रंथ साहिब से संबंधित मामले में पंजाब सरकार की ओर से जा रही राजनीति श्री अकाल तक़्त साहिब के लिए एक चुनौती है, जिसे सिख पंथ कभी स्वीकार नहीं करेगा।
शिरोमणि समिति के सदस्यों भाई राजिंदर सिंह मेहता, अधिवक्ता भगवंत सिंह सियालका, सुरजीत सिंह भिट्टेवाड़ और अमरजीत सिंह भालापुर ने बुधवारको यहां जारी एक बयान में कही। सदस्यों ने कहा कि इस मामले की जांच श्री अकाल तक़्त साहिब द्वारा गठित जांच समिति ने की थी और श्री अकाल तक़्त साहिब के आदेशानुसार, एसजीपीसी की प्रभारी समिति ने डॉ. ईश्वर सिंह की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि उस समय कुछ सिख विद्वानों और संगत ने एसजीपीसी से संपर्क किया था और कहा था कि यह मामला श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी से संबंधित है, इसलिए इस संबंध में कोई पुलिस कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए, बल्कि एसजीपीसी को स्वयं कार्रवाई करनी चाहिए।
एसजीपीसी सदस्यों ने कहा कि डॉ. ईश्वर सिंह की जांच रिपोर्ट से स्पष्ट है कि यह धन शोधन और कुछ कर्मचारियों की लापरवाही का मामला है, इसे अपमान और धर्म का अपमान बताकर गुमराह नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उस समय कांग्रेस पार्टी सत्ता में थी और राजनीतिक लाभ के लिए उन्होंनेभाई बलदेव सिंह वडाला के रास्ते श्री दरबार साहिब जाने वाले मार्ग पर धरना दिया था। अब आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष, मंत्री और पंजाब विधानसभा के विधायक इस धरने पर पहुंचे हैं और अपने राजनीतिक लाभ के लिए पुलिस से प्राथमिकी दर्ज करने को कहा है, जो श्री अकाल तख्त साहिब को सीधा चुनौती है।
एसजीपीसी सदस्यों ने कहा कि पंजाब की मौजूदा सरकार बुरी तरह विफल रही है और अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए सिख भावनाओं से खिलवाड़ करने से भी नहीं हिचक रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान को संबोधित करते हुए कहा कि बार-बार नाटक करके सरकार की नाकामियों से लोगों का ध्यान नहीं भटकाया जा सकता, इसलिए श्री अकाल तक़्त साहिब के आदेशों के अनुसार की गयी कार्रवाई के बाद इस मामले में कोई दखल न दिया जाये। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों से अपील की कि वे सरकार के राजनीतिक हितों के लिए ऐसी किसी भी कार्रवाई में भागीदार न बनें।
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