भीलवाड़ा , नवम्बर 27 -- राजस्थान में भीलवाड़ा जिले में राजकीय भूमि और वनक्षेत्र में अवैध रूप से पेड़ काटने के मामलों में जिला कलेक्टर जसमीत सिंह संधू ने तीन अलग-अलग मामलों में कुल 10 कार्मिकों के विरुद्ध 16 (सीसीए) के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करते हुए इनमें चार कार्मिकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि श्री संधू ने 'बनेड़ा' क्षेत्र में बिना नीलामी हजारों पेड़ काटे जाने एवं सबूत मिटाने के लिए ट्रैक्टर को गायब करने' संबंधी मामला सामने आने पर विभागीय जांच करवाई। जांच में दोषी पाये जाने पर भू अभिलेख निरीक्षक देवकरण टॉक एवं पटवारी (हल्का बामणिया) भगवत लाल जाट को निलंबित किया गया साथ ही 16 सीसीए के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई भी जारी है। बनेड़ा के तहसीलदार संतोष कुमार सुनारीवाल के विरुद्ध भी 16 सीसीए के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है।

'आसींद क्षेत्र के नारायणपुरा गांव के 200 बीघा जंगल में अवैध रूप से पेड़ कटवाने एवं अवैध तरीके से कोयला माफिया से मिलीभगत करके कोयला बनाकर बाहर भेजने' संबंधी मामला सामने आने पर जांच करवाई गयी है। उन्होंने भू-अभिलेख निरीक्षक नरेश नाथ योगी एवं पटवारी दूल्हेपुरा गारंती बाई मीणा को निलंबित किया साथ ही 16 सीसीए के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई भी जारी है। तहसीलदार आसींद जयसिंह के विरुद्ध भी 16 सीसीए के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है।

इसी प्रकार 'जहाजपुर क्षेत्र में 300 बीघा बिलानाम भूमि पर बबूल के पेड़ काटने एवं अवैध कोयला कारोबार' से संबंधित मामला सामने आया जिसमें विभागीय जांच करवाई गई। जांच में दोषी पाये जाने पर जहाजपुर के तहसीलदार रवि कुमार मीणा, नायब तहसीलदार खजूरी बद्रीलाल मीणा, भू अभिलेख निरीक्षक अशोक कुमार धाकड़ एवं पटवारी हल्का किशनगढ़ अंकित कुमार गुप्ता के विरुद्ध 16 सीसीए के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है।

श्री संधू ने कहा कि राजकीय संपत्ति और प्राकृतिक संसाधनों के साथ किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संरक्षण एवं राजस्व भूमि सुरक्षा प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है और भविष्य में भी इस तरह की घटनाओं पर तत्काल सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।

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