नयी दिल्ली , नवम्बर 25 -- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत रक्षा नवाचार के स्वर्ण युग में प्रवेश कर रहा है और नवाचारी की तरह युवा उद्यमी इसकी नींव रख रहे हैं।

श्री सिंह ने मंगलवार को यहां भारतीय नौसेना के स्वावलंबन सेमिनार के चौथे संस्करण में स्टार्ट-अप, एमएसएमई, अकादमिक जगत और उद्योग भागीदारों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत को आज की तेजी से विकसित होती दुनिया और लगातार बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्य में सक्रिय, अग्रणी और भविष्य के लिए तैयार रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत प्रतिक्रियावादी दृष्टिकोण नहीं अपना सकता। उन्होंने नवाचारियों को अग्रणी समाधान प्रस्तुत करने और राष्ट्र को केवल खरीदार नहीं, बल्कि निर्माता और सृजक बनाने में मदद करने का श्रेय दिया।

रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि आज देश में स्वदेशीकरण की गति केवल नीति के कारण नहीं, बल्कि सभी हितधारकों के कठोर परिश्रम का परिणाम है, और इसके फलस्वरूप भारत आयातक से प्रौद्योगिकी निर्यातक बनने की दिशा में विशाल छलांग लगा रहा है। उन्होंने कहा, " यदि आज भारत एक समुद्री शक्ति के रूप में उभर रहा है, तो यह हमारे नवाचारियों और नौसेना के योगदान के कारण है। "रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में उभरते नये आयामों पर प्रकाश डालते हुए श्री सिंह ने निजी क्षेत्र से लाभ-से-अधिक राष्ट्रीय दृष्टिकोण अपनाने और ऐसे मंच एवं प्रणालियां विकसित करने का आह्वान किया जो विश्व के भारत पर विश्वास का प्रतीक बनें। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य केवल आर्थिक गतिविधि तक सीमित नहीं होना चाहिए, इसे राष्ट्रीय मिशन के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि निजी उद्योग को अपनी भूमिका विस्तारित करनी होगी और उत्पादन, प्रौद्योगिकी, डिजाइन एवं नवाचार में राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए नयी गति से आगे बढ़ना होगा।

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