लखनऊ , नवंबर 28 -- उत्तर प्रदेश में साल 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस ) ने पहली बार शासन-प्रशासन से जुड़े मुद्दों पर राज्य मंत्रियों के साथ सीधी समन्वय बैठकें शुरू कर दी हैं। इन बैठकों का मुख्य उद्देश्य विभिन्न विभागों से शासन से जुड़े मुद्दों की प्रत्यक्ष जानकारी जुटाना और आवश्यकतानुसार सुझाव देकर प्रशासनिक कार्यप्रणाली को और सुचारु बनाना बताया जा रहा है।
सूत्रों की मानें तो बुधवार को विभिन्न विभागों के मंत्रियों के साथ छह अलग-अलग बैठकें आयोजित की गईं, जिनमें विभागीय प्रमुख सचिवों और संबंधित अधिकारियों की भी उपस्थिति रही।
इन बैठकों को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की हाल ही में अयोध्या में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हुई लगभग 90 मिनट की मुलाकात से जोड़कर देखा जा रहा है। इससे पूर्व 18 और 24 नवंबर को भी लगभग दर्जनभर समन्वय बैठकें आयोजित हो चुकी हैं।
शासन से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बुधवार की पहली बैठक श्रम एवं रोजगार मंत्री अनिल राजभर के साथ विक्रमादित्य मार्ग स्थित आवास पर हुई। इसमें संघ की आर्थिक इकाई से जुड़े भारतीय मजदूर संघ तथा संघ के प्रभारी कृपा शंकर और प्रशांत भाटिया उपस्थित रहे।
सूत्रों की मानें तो दूसरी बैठक कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के 8, कालिदास मार्ग स्थित आवास पर हुई। इसमें भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधि तथा संघ के भीखारी और कृपा शंकर शामिल रहे।
उन्होंने बताया कि तीसरी बैठक उद्योग मंत्री नंदगोपाल नंदी के 6, कालिदास मार्ग स्थित आवास पर हुई, जिसमें लघु उद्योग भारती के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। संघ की ओर से मुख्यमंत्री कार्यालय के ओएसडी श्रवण बघेल और सूर्यप्रकाश मौजूद रहे।
सूत्रों के अनुसार चौथी बैठक उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के राजभवन कॉलोनी स्थित आवास पर हुई, जिसमें आरोग्य भारती के प्रतिनिधि मौजूद रहे। संघ की ओर से कृपा शंकर, युधवीर, धनिराम, श्रवण बघेल और प्रशांत भाटिया ने भाग लिया। यह बैठक 'सेवा क्षेत्र' श्रेणी में रखी गई थी।
पांचवीं बैठक वन एवं पर्यावरण मंत्री अरुण सक्सेना के 12-ए गौतम पल्लि स्थित आवास पर हुई। इसमें अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
दिन की अंतिम बैठक 16, गौतम पल्लि स्थित पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह के आवास पर हुई। यह बैठक भी सेवा क्षेत्र से संबंधित थी, जिसमें गौ सेवा शाखा के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। संघ की ओर से कृपा शंकर, युधवीर और धनिराम ने भाग लिया।
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