देहरादून , दिसंबर 19 -- कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं कांग्रेस कार्यकारी समिति सदस्य करन माहरा ने शुक्रवार को देहरादून में कहा कि मोदी सरकार देश में लोकतंत्र, संविधान और गरीबों के अधिकारों पर एक के बाद एक संगठित हमले कर रही है। श्री माहर ने नेशनल हेराल्ड मामले में अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह फैसला मोदी सरकार की राजनीतिक प्रतिशोध की साजिश पूरी तरह से बेनकाब हो गयी है।

श्री माहर ने यहा प्रेस क्लब में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि मनरेगा को कमजोर करना, मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के नाम पर वोट चोरी और नेशनल हेराल्ड मामले में विपक्ष को फंसाने की साज़िश इसी तानाशाही सोच का हिस्सा है।

उन्होंने कहा कि एसआईआर के ज़रिए चुनावी लोकतंत्र पर सीधा हमला किया जा रहा है। गरीब, दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक, प्रवासी मजदूर और युवाओं के नाम चुनिंदा तरीके से वोटर लिस्ट से हटाए जा रहे हैं। चुनाव से ठीक पहले मतदाता सूची में छेड़छाड़ सुधार नहीं बल्कि वोट चोरी है। इस पर चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े हो चुके हैं।

प्रदेश अध्यक्ष ने नेशनल हेराल्ड मामले में अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह फैसला भाजपा सरकार की बदले की राजनीति की करारी हार है। अदालत ने साफ कर दिया कि इस मामले में कोई मूल अपराध नहीं था। इसके बावजूद पार्टी की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी को सालों तक परेशान किया गया। प्रवर्तन निदेशालय, केन्द्रीय जांच ब्यूरो और आयकर विभाग को विपक्ष को डराने के लिए इस्तेमाल किया गया है।

उन्होंने कहा कि जब-जब भाजपा सरकार जनता के सवालों से घिरती है, तब-तब वह जांच एजेंसियों का दुरुपयोग और लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने का रास्ता अपनाती है लेकिन कांग्रेस पार्टी डरने वाली नहीं है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी मनरेगा, वोट के अधिकार, लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए सड़कों से संसद तक अपना निर्णायक संघर्ष जारी रखेगी।

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