नयी दिल्ली, सितंबर 27 -- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार के गोकुल जलाशय और उदयपुर झील को रामसर स्थल का दर्जा मिलने पर शनिवार को राज्य के लोगों की तारीफ की।
श्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव के एक पोस्ट को साझा करते हुये इसे "अद्भुत समाचार" बताया। उन्होंने लिखा, "सतत विकास के लिए वेटलैंड महत्वपूर्ण हैं। बिहार के लोगों की खास तौर पर तारीफ करता हूं जो अपनी सोच और काम से यह दिखा रहे हैं कि पर्यावरण संरक्षण में कैसे आगे रहा जा सकता है।"बिहार के बक्सर जिले के गोकुल जलाशय (448 हेक्टेयर) और पश्चिम चंपारण जिले की उदयपुर झील (319 हेक्टेयर) को अंतर्राष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि (रामसर स्थल) का दर्जा मिला है। इसके साथ ही देश में कुल रामसर स्थलों की संख्या बढ़कर 93 हो गई है, जो लगभग 13,60,719 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैले हुए हैं। रामसर स्थलों की संख्या के लिहाज से वर्तमान में भारत एशिया में पहले और विश्व में तीसरे स्थान पर है।
गोकुल जलाशय और आसपास के क्षेत्रों में पक्षियों की 50 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं। खासतौर पर प्री-मानसून सीजन में दलदली भूमि और झाड़ियां पक्षियों के लिए भोजन और प्रजनन का बेहतर आवास बन जाती हैं। हर वर्ष एक पारंपरिक पर्व के दौरान ग्रामीण सामूहिक रूप से जलाशय की सफाई और खरपतवार हटाने का कार्य करते हैं, जिससे यह क्षेत्र स्वच्छ और सुरक्षित बना रहता है।
उदयपुर झील भी एक ऑक्सबो झील है, जो उत्तर और पश्चिम दिशा से उदयपुर वन्यजीव अभयारण्य के घने जंगलों से घिरी हुई है। यह झील एक गांव को चारों ओर से घेरे हुए है। यहां वनस्पतियों की 280 से अधिक प्रजातियां पायी जाती हैं। यह झील लगभग 35 प्रवासी पक्षी प्रजातियों के लिए शीतकालीन ठिकाना है। इनमें असुरक्षित श्रेणी की मानी जाने वाली कॉमन पोचार्ड भी शामिल है।
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