दुर्गापुर , अक्टूबर 13 -- पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता शुभेन्दु अधिकारी ने ओडिशा की सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता का इलाज कर रहे डॉक्टरों से बात करने की अनुमति न दिये जाने पर कड़ी आपत्ति जतायी है।
श्री अधिकारी सोमवार को यहां पहुंचे और निजी अस्पताल के अधिकारियों द्वारा दुष्कर्म पीड़िता का इलाज कर रहे डॉक्टरों से बात न करने देने पर सख्त ऐतराज जताया है। उन्होंने लड़कियों को रात में बाहर न निकलने की कथित सलाह देने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की भी आलोचना की।
औद्योगिक शहर दुर्गापुर आने से पहले, भाजपा नेता ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर मुख्यमंत्री की आलोचना करते हुए कहा, " ममता बनर्जी, आप अपने 'पुराने मध्ययुगीन आदेश' को सही ठहराने की कोशिश क्यों कर रही हैं कि 'लड़कियों को रात में बाहर जाने की अनुमति नहीं होनी चाहिए?"कल बाढ़ प्रभावित उत्तर बंगाल के लिए रवाना होने से पहले सुश्री बनर्जी ने सामूहिक दुषकर्म की घटना पर दुख व्यक्त किया था और कहा था कि निजी मेडिकल कॉलेजों को अपने विद्यार्थियों, खासकर लड़कियों का ध्यान रखना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लड़कियों को रात में बाहर नहीं जाने देना चाहिए और उन्हें अपनी सुरक्षा खुद करनी चाहिए। उन्होंने कहा, " निजी मेडिकल कॉलेज के पास एक जंगल है, तो वह रात में बाहर क्यों निकलीं? पुलिस हर घर में मौजूद नहीं रह सकती, और कॉलेज प्रशासन के साथ-साथ लड़कियों को भी अपना ध्यान रखना चाहिए।"उन्होंने बताया कि तीन संदिग्धों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है और पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है। बाद में, उत्तर बंगाल के अलीपुरद्वार में मुख्यमंत्री ने कहा कि मीडिया ने उनके शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा, " मीडिया ने मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया। आप मुझसे एक सवाल पूछते हैं, मैं उसका जवाब देती हूं, और फिर आप उसे तोड़-मरोड़ कर पेश करते हैं। इस तरह की राजनीति मत कीजिए।"भाजपा नेता श्री अधिकारी ने कहा कि किसी ने भी सुश्री बनर्जी के शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश नहीं किया है। नंदीग्राम सीट से विधायक ने कहा, " आपके शब्द एक प्रशासक के रूप में आपकी विफलता को छिपाने का एक प्रयास हैं। पीड़ितों को शर्मिंदा करना आपकी राज्य नीति बन गयी है।"श्री अधिकारी ने बताया कि शैक्षणिक संस्थानों और मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में यौन अपराधों की बार-बार हो रही घटनायें, चाहे आरजी कर हो, कस्बा लॉ कॉलेज हो, पंसकुरा अस्पताल हो या दुर्गापुर के मामले, तृणमूल कांग्रेस सरकार की सुधारात्मक कदम उठाने में असमर्थता को उजागर करती हैं।
उन्होंने कहा, " पश्चिम बंगाल के लोगों को आश्चर्य नहीं होगा, अगर राज्य सरकार अगली बार कहे कि महिलाओं को घर से बिल्कुल भी बाहर नहीं निकलना चाहिए, दिन के समय भी नहीं। "श्री अधिकारी ने सवाल किया, " अगर वह राज्य की महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में 'विफल' रही हैं, तो वह गृह मंत्री का पद क्यों संभाल रही हैं?"अधिकारी ने कहा, " अगर वह अपने बयान को सच ठहराती हैं, तो सरकार को सूर्यास्त के बाद लॉकडाउन की तरह सब कुछ बंद कर देना चाहिए और सभी महिलायें घर पर ही रहें और काम करना बंद कर दें।"भाजपा नेता ने राज्य की मुख्यमंत्री की इस बात के लिए भी आलोचना की कि उन्होंने संकट के समय दुर्गापुर का दौरा नहीं किया और पीड़िता के माता-पिता से बात नहीं की।
श्री अधिकारी ने कहा कि पीड़ित के परिजन बहुत दुखी हैं, क्योंकि अस्पताल प्रशासन ने उन्हें अपनी 23 वर्षीय एमबीबीएस छात्रा से अस्पताल के बिस्तर पर बात करने की अनुमति नहीं दी।
भाजपा नेता ने कहा कि माता-पिता अपनी पुत्री को बेहतर इलाज के लिए भुवनेश्वर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में स्थानांतरित करने पर विचार कर रहे हैं।
पुलिस ने इस घटना के चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से एक निजी मेडिकल कॉलेज का पूर्व सुरक्षा गार्ड है।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित