पटना, 07 अक्टूबर (वार्ता) बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनज़र मंगलवार को पटना में राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल के साथ राजनीतिक दलों की एक महत्वपूर्ण सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई।

बैठक में विभिन्न दलों ने चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाये रखने के लिये अपने- अपने सुझाव और आपत्तियां प्रस्तुत कीं।

बैठक के दौरान राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने हाल में राज्य सरकार की ओर से किये गये प्रशासनिक अधिकारियों के स्थानांतरण का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। पार्टी प्रतिनिधियों ने एक ज्ञापन सौंपते हुये मांग की कि जिन अधिकारियों का हाल ही में मात्र 45 दिन पहले पदस्थापन हुआ था उनका स्थानांतरण राजनीतिक दबाव में किया गया है, जिससे चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल उठते हैं। राजद ने इन स्थानांतरणों की जांच कर अविलंब कार्रवाई की मांग की है।

इसके साथ ही महागठबंधन के अन्य प्रतिनिधियों ने भी चुनाव आयोग से यह स्पष्ट करने को कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की अंतिम मतदाता सूची में अब तक कितने विदेशी घुसपैठियों की पहचान हुई है। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि एक भी विदेशी घुसपैठिए का पता नहीं चला है तो जिन राजनीतिक नेताओं की ओर से सार्वजनिक मंचों से बार- बार 'घुसपैठिये' का मुद्दा उठाया जा रहा है, उनके खिलाफ चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुये कार्रवाई की जाये।

बैठक में नेताओं ने यह भी मांग की कि चुनाव प्रचार के दौरान व्यक्तिगत आरोपों और अमर्यादित टिप्पणियों पर निर्वाचन आयोग सख्त रुख अपनाये और दोषियों पर तत्काल कार्रवाई करे।

राजद की ओर से बैठक में सांसद सुधाकर सिंह, पूर्व विधायक अभय कुशवाहा, पार्टी प्रवक्ता चित्तरंजन गगन और महासचिव मुकुंद सिंह उपस्थित रहे।

बैठक में अन्य प्रमुख दलों के प्रतिनिधि भी शामिल थे, जिनमें कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), जनता दल यूनाइटेड (जदयू), सीपीआई (माले), सीपीएम, सीपीआई, लोजपा (राष्ट्रीय), लोजपा (रामविलास) और बसपा के प्रतिनिधि प्रमुख रूप से मौजूद थे।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री गुंजियाल ने सभी दलों को निष्पक्ष चुनाव के लिए आयोग की प्रतिबद्धता दोहराई और सभी सुझावों और आपत्तियों को गंभीरता से लेने का आश्वासन दिया।

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