चंडीगढ़ , दिसंबर 28 -- हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में शनिवार को हरियाणा निवास में उच्चाधिकार प्राप्त क्रय समिति (एचपीडब्ल्यूपीसी) की बैठक हुई।
बैठक में विभिन्न विभागों से जुड़े अवसंरचना व विकास परियोजनाओं के प्रस्तावों पर विचार कर सेवाओं एवं कार्यों की खरीद से संबंधित अहम फैसले लिए गए। बैठक में कुल 58 निविदाओं पर चर्चा की गई, जिनकी अनुमानित लागत लगभग 4216 करोड़ रुपये थी। इनमें से दो निविदाओं को रिटेंडर करने का निर्णय लिया गया। शेष 56 निविदाओं (लगभग 4166 करोड़ रुपये) पर विस्तृत नेगोशिएशन के बाद कुल कार्य मूल्य करीब 4016 करोड़ रुपये तय हुआ। इससे करीब 150 करोड़ रुपये की बचत हुई, जिससे वित्तीय अनुशासन, पारदर्शिता और संसाधनों के कुशल उपयोग को बल मिला।
बैठक में ऊर्जा मंत्री अनिल विज, शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री विपुल गोयल, लोक निर्माण मंत्री रणबीर गंगवा और सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री श्रुति चौधरी उपस्थित रहे। आरडीएसएस योजना के तहत बिजली वितरण क्षेत्र को मजबूत करने के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। दक्षिण और उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के विभिन्न क्षेत्रों में वितरण अवसंरचना विकास, लाइन लॉस में कमी, नए 33 केवी सब-स्टेशनों की स्थापना तथा मौजूदा सब-स्टेशनों के विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण के कार्यों को स्वीकृति दी गई। गुरुग्राम में एससीएडीए तथा डीएमएस/ओएमएस प्रणाली के क्रियान्वयन को भी हरी झंडी मिली। फरीदाबाद और गुरुग्राम में 66 केवी सब-स्टेशनों से जुड़े कुछ 11 केवी फीडरों के टेंडर रिटेंडर करने का निर्णय लिया गया।
शहरी विकास से जुड़ी परियोजनाओं में सोनीपत में मास्टर रोड्स का चार लेन चौड़ीकरण, पंचकूला में घग्गर नदी पर नया उच्च स्तरीय पुल, शहर से गुजरने वाली जल धाराओं का सौंदर्यीकरण, फरीदाबाद व गुरुग्राम में कार्यरत महिलाओं के लिए आधुनिक हॉस्टल तथा भिवानी में विद्यालय शिक्षा बोर्ड परिसर के कन्वेंशन सेंटर के शेष कार्यों को मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी स्वीकृत कार्य गुणवत्ता, पारदर्शिता और समयबद्धता के साथ पूरे किए जाएं तथा टिकाऊ और कम रख-रखाव वाली सामग्री का उपयोग सुनिश्चित हो।
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