भोपाल , दिसम्बर 1 -- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को उज्जैन के दशहरा मैदान से 3 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी को गीता जयंती की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण को हम सभी नमन करते हैं। उन्होंने बताया कि कुरुक्षेत्र के युद्ध में मोहग्रस्त अर्जुन को भगवान श्रीकृष्ण द्वारा दिए गए उपदेश को समझने और आत्मसात करने के लिए यह महोत्सव आयोजित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीकृष्ण ने अपने जीवन में संकटों का सामना साहस और धर्म के मार्ग पर चलते हुए किया। उनके कर्मयोग, भक्ति योग और ज्ञानयोग के संदेश आज भी जीवन का मार्गदर्शन करते हैं। श्रीकृष्ण ने अन्याय और अत्याचार का अंत किया और जन-तंत्र के सबसे बड़े नायक के रूप में अपनी पहचान बनाई। भगवद्गीता जीवन का सार समेटे हुए कठिन समय में कर्तव्य का पालन करने की शिक्षा देती है।
मुख्यमंत्री ने गीता को हर बच्चे के बस्ते में होने की आवश्यकता बताई और बताया कि प्रदेश के प्रत्येक नगरीय निकाय में गीता भवनों का निर्माण किया जा रहा है। ये भवन संस्कृति और शिक्षा के केंद्र बनेंगे, जहां लाइब्रेरी और कंप्यूटर शिक्षा भी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि भगवद्गीता से हम जीवन की समस्याओं का समाधान सीख सकते हैं और धर्म के मार्ग पर चलना सीखते हैं।
उज्जैन में आयोजित इस महोत्सव के दौरान भगवद्गीता के 15वें अध्याय का सस्वर पाठ किया गया। कार्यक्रम में सम्राट विक्रमादित्य शोध पीठ के निदेशक डॉ. श्रीराम तिवारी, अनेक संत, विद्वान, विधायक, विद्यालय और महाविद्यालय के विद्यार्थी, वेद पाठक, आचार्य और शिक्षकगण उपस्थित थे।
महोत्सव में 2 और 3 दिसंबर को सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इनमें नाट्य मंचन, भरतनाट्यम, कथक और मोहिनीअट्टम नृत्य प्रस्तुतियाँ, तथा 'गीता ऑन व्हील्स' नाट्य मंचन शामिल हैं। महोत्सव में माधव दर्शनम लघु चित्र शैली में प्रदर्शनी भी आयोजित होगी। इस महोत्सव में प्रवेश पूर्णत: नि:शुल्क है।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित