उज्जैन, सितंबर 28 -- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज खादी सामग्री की खरीदारी कर स्वदेशी को अपनाने और प्रोत्साहित करने का प्रेरक संदेश दिया। उन्होंने कहा कि खादी और ग्रामोद्योग के उत्पाद भारतीय संस्कृति और आत्मनिर्भरता की पहचान हैं, इसलिए लोगों को इनका उपयोग बढ़ाना चाहिए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव भारतीय ज्ञानपीठ माधवनगर संस्थान परिसर में खादी ग्रामोद्योग विकास मंडल उज्जैन के सहयोग से आयोजित तीन दिवसीय खादी प्रदर्शनी एवं सेल में पहुंचे। इस अवसर पर उन्होंने भारतीय ज्ञानपीठ के संस्थापक, वरिष्ठ गांधीवादी शिक्षाविद एवं आजीवन खादी व्रतधारी स्वर्गीय कृष्णमंगल सिंह कुलश्रेष्ठ के चित्र पर दीप प्रज्वलन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर घर स्वदेशी, घर-घर स्वदेशी अभियान के आह्वान पर आयोजित इस प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी प्रदर्शनियां जगह-जगह लगनी चाहिए, जिससे लोगों को स्वदेशी उत्पादों और उनकी विशेषताओं की जानकारी मिल सके और वे इनके उपयोग के प्रति प्रेरित हों।

मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनी में खादी के कपड़ों की खरीदारी भी की और 6,300 रुपये का भुगतान मोबाइल वॉलेट से किया। उन्होंने अपने लिए तीन खादी के कुर्ते-पजामे के कपड़े खरीदे। इस अवसर पर सांसद उमेश नाथ बाल योगी और विधायक अनिल जैन कालूखेड़ा भी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने खादी ग्रामोद्योग मंडल की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि स्वदेशी उत्पाद न केवल रोजगार और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देते हैं, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपरा के संरक्षण का भी माध्यम हैं।

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