भोपाल , अक्टूबर 19 -- मध्यप्रदेश पुलिस ने एक बार फिर अपने मानवीय और संवेदनशील स्वरूप से समाज का दिल जीत लिया है। डीजीपी कैलाश मकवाना के कुशल नेतृत्व और मार्गदर्शन में पुलिस बल ने कानून-व्यवस्था के साथ-साथ संवेदना, सतर्कता और जनसेवा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए हैं। राज्यभर में पुलिस के कार्यों ने यह साबित किया है कि वह केवल सुरक्षा की प्रतीक नहीं, बल्कि मानवीय मूल्यों की सशक्त संवाहक भी है।
राजगढ़ जिले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के राहत राशि वितरण कार्यक्रम के दौरान एक भावनात्मक दृश्य देखने को मिला। कार्यक्रम स्थल पर पुलिस निरीक्षक भागीरथ शाक्य (पुलिस लाइन, राजगढ़) ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए एक विकलांग व्यक्ति को गोद में उठाकर कुर्सी पर बैठाया। यह दृश्य देखकर उपस्थित जनसमूह ने पुलिस की संवेदनशीलता की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
इसी प्रकार राज्य के अन्य जिलों में भी पुलिस ने कई उदाहरण प्रस्तुत किए हैं। छिंदवाड़ा जिले में थाना बटकाखापा पुलिस ने जंगल में परित्यक्त नवजात शिशु को सुरक्षित बचाया और उसके माता-पिता को गिरफ्तार किया। यह कार्य पुलिस की मानवीय संवेदना और त्वरित कार्रवाई का उत्कृष्ट उदाहरण है।
इंदौर में 62 वर्षीय ब्रिटिश नागरिक क्रिस्टोफर पैरी के आकस्मिक निधन पर पुलिस ने परिजनों की अनुपस्थिति में पूर्ण सम्मान और संवेदनशीलता के साथ उनका अंतिम संस्कार कराया। यह कदम न केवल कानून पालन का था बल्कि गहरी मानवता की मिसाल भी बना।
गुना में राष्ट्रीय राजमार्ग पर पलटे प्रोपेन गैस टैंकर के दौरान पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई कर संभावित बड़े हादसे को टाल दिया। चालक की जान बचाई गई, गैस रिसाव नियंत्रित किया गया और यातायात शीघ्र बहाल हुआ। वहीं मैहर में नवरात्रि मेला ड्यूटी के दौरान पुलिस ने सुरक्षा के साथ जनसेवा, सहायता और सौम्यता का परिचय देकर "जन के रक्षक, जन के अपने" की परिभाषा को साकार किया।
विदिशा में एफआरवी टीम ने आत्महत्या का प्रयास कर रहे युवक को सूझबूझ और समझाइश से सुरक्षित बचाया, जबकि शिवपुरी में प्रधान आरक्षक जसवंत यादव ने अपनी जान की परवाह किए बिना तेज़ रफ्तार मालगाड़ी के सामने से एक महिला को बचाया, जिसमें ट्रॉलीमैन दिनेश गौतम ने भी सहयोग किया।
छिंदवाड़ा पुलिस ने 14 वर्षीय अर्धविक्षिप्त बालिका को सुरक्षित उसके परिजनों तक पहुंचाया, वहीं सिंगरौली पुलिस ने एक मासूम बच्चे की शिकायत को स्नेहपूर्वक सुलझाकर उसके चेहरे पर मुस्कान लौटाई। रतलाम जिले में डायल-112 टीम ने आत्मघाती कदम उठाने जा रहे व्यक्ति को बचाकर न केवल उसकी जान बचाई, बल्कि काउंसलिंग के माध्यम से जीवन की नई दिशा भी दी।
इसी प्रकार इंदौर के थाना एमजी रोड पुलिस ने नागरिक के Rs.2 लाख नकदी और महत्वपूर्ण दस्तावेजों से भरा बैग सीसीटीवी की मदद से खोजकर लौटाया, जो पुलिस की ईमानदारी, दक्षता और जनविश्वास का प्रतीक है।
डीजीपी कैलाश मकवाना के दूरदर्शी नेतृत्व में मध्यप्रदेश पुलिस आज केवल कानून-व्यवस्था की संरक्षक नहीं, बल्कि संवेदना, कर्तव्यनिष्ठा और मानवीय मूल्यों की प्रेरक मिसाल बन चुकी है। पुलिस की ऐसी मानवीय पहलें समाज में सुरक्षा, विश्वास और अपनत्व की नई भावना भर रही हैं।
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