बैतूल , दिसंबर 23 -- मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बैतूल जिले की प्रसिद्ध धार्मिक नगरी मुलताई का नाम बदलकर 'मूलतापी' किए जाने की ऐतिहासिक घोषणा की है। ताप्ती नदी के उद्गम स्थल के रूप में देशभर में विख्यात मुलताई का यह प्राचीन नाम अब पुनः स्थापित किया जाएगा। मुख्यमंत्री की इस घोषणा से क्षेत्र के नागरिकों, धर्मप्रेमियों और जनप्रतिनिधियों में उत्साह का माहौल है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मुलताई का मूल और प्राचीन नाम 'मूलतापी' है, जिसका अर्थ ताप्ती नदी का उद्गम स्थल है। यह नाम इस पवित्र भूमि की धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान को और अधिक सशक्त करेगा। उन्होंने कहा कि लंबे समय से स्थानीय जनता की यह मांग थी, जिसे सरकार ने स्वीकार करते हुए यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
मुलताई विधायक चंद्रशेखर देशमुख द्वारा नगर का नाम 'मूलतापी' किए जाने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया था, जिसे अब स्वीकृति मिल गई है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह निर्णय क्षेत्र की ऐतिहासिक विरासत को सम्मान देने वाला है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर बैतूल जिले में एक भव्य आदिवासी संग्रहालय की स्थापना की भी घोषणा की। इससे जिले की समृद्ध जनजातीय संस्कृति, परंपराओं और इतिहास को राष्ट्रीय पहचान मिलेगी तथा यह संग्रहालय आने वाली पीढ़ियों के लिए सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण का केंद्र बनेगा।
कार्यक्रम के दौरान बैतूल में नए मेडिकल कॉलेज का भूमिपूजन भी किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जेपी नड्डा विशेष रूप से उपस्थित रहे। मेडिकल कॉलेज के निर्माण से जिले और आसपास के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार होगा और युवाओं को चिकित्सा शिक्षा के नए अवसर मिलेंगे।
'मूलतापी' नाम से पहचान मिलने के बाद ताप्ती उद्गम स्थल की धार्मिक महत्ता और अधिक बढ़ेगी। इससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा तथा स्थानीय रोजगार और व्यापार को भी गति मिलेगी। मुख्यमंत्री की इन घोषणाओं से पूरे मुलताई और बैतूल जिले में खुशी का माहौल है।
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