कोलकाता , अक्टूबर 03 -- पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) पर त्योहारों के मौसम में 65,000 क्यूसेक पानी छोड़कर लाखों लोगों की जान जोखिम में डालकर 'मानव निर्मित आपदा' पैदा करने का आरोप लगाने के कुछ ही घंटों बाद केंद्रीय एजेंसी ने पानी छोड़ने की सीमा बढ़ाकर 70,000 क्यूसेक कर दी, जिससे राज्य के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति और बिगड़ गई।
डीवीसी अधिकारियों ने पुष्टि की कि मैथन और पंचेत दोनों जलाशयों से पानी छोड़ने की सीमा बढ़ाकर 70,000 क्यूसेक कर दी गई है। मैथन से 42,500 क्यूसेक और पंचेत से 27,500 क्यूसेक पानी शुक्रवार की शाम छोड़ा गया।
पश्चिम बंगाल में दामोदर नदी बेसिन क्षेत्रों, विशेष रूप से बर्दवान, हावड़ा और हुगली जिलों के लिए 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया गया है। यह घटनाक्रम मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा सोशल मीडिया पर डीवीसी पर निशाना साधने के बाद सामने आया है। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को विजयदशमी की शुभकामनाएं देते हुए लिखा, ''विजयदशमी दुर्गा पूजा के समापन का प्रतीक है, जो आनंद, उल्लास और नई आशा का समय है। फिर भी पश्चिम बंगाल के लोगों को शांतिपूर्वक त्योहार मनाने देने के बजाय, डीवीसी ने राज्य को बिना किसी पूर्व सूचना के 65,000 क्यूसेक पानी छोड़ दिया। यह लापरवाही हमारे पवित्र उत्सवों के दौरान दुख पहुंचाने की कोशिश से कम नहीं है।"मुख्यमंत्री बनर्जी ने पानी छोड़े जाने को 'एकतरफा, शर्मनाक और अस्वीकार्य' बताते हुए आरोप लगाया कि यह कोई प्राकृतिक आपदा नहीं बल्कि दुर्गा पूजा के दौरान राज्य को बाधित करने के लिए रची गई एक 'कृत्रिम आपदा' है।
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