मुंबई , नवंबर 26 -- मुंबई में 26/11 हमलों में मारे गए और घायल हुए लोगों के सम्मान में बुधवार को राज्य-स्तरीय समारोहों का आयोजन किया गया।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दक्षिण मुंबई स्थित पुलिस आयुक्त कार्यालय शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित किया। उनके साथ उप- मुख्यमंत्री अजीत पवार, राज्य मंत्री आशीष शेलार, पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला और मुंबई पुलिस आयुक्त देवेन भारती भी मौजूद थे।

हमलों में मारे गए पुलिसकर्मियों के परिवार के सदस्यों ने भी समारोह में भाग लिया और स्मारक पट्टिका के सामने मौन श्रद्धांजलि अर्पित की। पुलिस दल ने भी शहीदों को सलामी दी।

इस कार्यक्रम में हेमंत करकरे, अशोक कामटे और विजय सालस्कर सहित उन अधिकारियों के योगदान को याद किया गया, जो 26 नवंबर, 2008 को कामा और अल्बलेस अस्पताल के पास तीन कांस्टेबलों के साथ मारे गए थे।

राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के 26 स्पेशल कमांडो समूह ने गेटवे ऑफ इंडिया पर ताज महल पैलेस होटल के सामने एक श्रद्धांजलि और शपथ समारोह आयोजित किया। 'नेवर एवर' थीम वाले इस कार्यक्रम में जान गंवाने वालों को सम्मानित किया गया और घायल लोगों व पीड़ितों को भी याद किया गया।

समारोह में एक 'मेमोरियल ज़ोन' बनाया गया, जिसमें मृतकों की तस्वीरें और नाम प्रदर्शित किए गए। साथ ही, फूलों से श्रद्धांजलि दी गयी और मोमबत्तियाँ भी जलाई गईं। इन मोमबत्तियों के मोम को भविष्य के समारोहों के लिए 'जीवंत स्मारक' बनाने हेतु संरक्षित किया जाएगा। श्रद्धांजलि समारोह में 11 कॉलेजों और 26 स्कूलों के छात्रों ने शपथ गतिविधियों में भाग लिया। नागरिकों के लिए एक शपथ बूथ और संदेश-लेखन काउंटर स्थापित किया गया तथा घायल सुरक्षा कर्मियों और शहीदों के परिवारों को सम्मानित किया गया। दृश्य और श्रव्य प्रस्तुतियों के माध्यम से 26-29 नवंबर, 2008 की घटनाओं को याद किया गया। शाम होते ही, गेटवे ऑफ इंडिया को राष्ट्रीय तिरंगे के रंग की रोशनी से रोशन किया गया और स्मारक पर 'नेवर एवर' शब्द को भी प्रदर्शित किया गया।

गौरतलब है कि पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा समूह के दस आतंकवादियों ने अरब सागर के रास्ते मुंबई में प्रवेश किया था। इन आतंकवादियों ने छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, नरीमन हाउस, लियोपोल्ड कैफे, ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल और ताज महल पैलेस होटल में समन्वित हमले किए थे। इन हमलों में 166 लोगों की मौत हुई थी जिनमें 20 सुरक्षाकर्मी और 26 विदेशी नागरिक भी शामिल थे।

हमलों के बाद के वर्षों में विभिन्न सुरक्षा सुधार किये गये थे। प्रमुख शहरों में एनएसजी हब की स्थापना की गयी थी, तटीय निगरानी मजबूत किया गया था और उन्नत खुफिया समन्वय तंत्र स्थापित किया गया था। महाराष्ट्र पुलिस निगरानी और प्रतिक्रिया के लिए एक ड्रोन नीति भी विकसित कर रही है।

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