मुंबई , नवम्बर 26 -- मुंबई में आगामी नगर निकाय चुनावों से पहले मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर अनियमितताएँ सामने आने के बाद प्रशासन ने इन्हें ठीक करने का फैसला किया है।
अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि सबसे बड़ी दिक्कत मतदाता सूची में नामों के दो-दो बार दर्ज होने की सामने आई है। इन डुप्लीकेट मतदाताओं की पहचान करना और उनको सूची से हटाना प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण कार्य है लेकिन इस समस्या को हल करने के लिए पांच दिसंबर तक एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसका मकसद मतदाता सूची को ठीक करना और गलत एंट्री हटाना है।
राज्य निर्वाचन आयुक्त दिनेश वाघमारे ने स्वीकार किया कि बृहन्नमुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने डुप्लीकेट नामों का मुद्दा उठाया था और इसे "गंभीर मामला" बताते हुए त्वरित कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
इस मुद्दे ने मुंबई में राजनीतिक तनाव को और बढ़ा दिया है। हाल ही में उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना, मनसे, राकांपा (शरद पवार), कांग्रेस, किसान-कामगार पार्टी, वाम दलों तथा अन्य विपक्षी समूहों ने मतदाता सूची में कथित हेरफेर और "वोट चोरी" का आरोप लगाते हुए शहर में 'ट्रुथ मार्च' निकाला। विपक्षी नेताओं ने निर्वाचन आयोग पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया। विरोध के बाद राज्य सरकार में शामिल शिंदे गुट की शिवसेना, राकांपा (अजीत पवार) और यहां तक कि भाजपा के कुछ नेताओं ने भी तत्काल मतदाता सूची की शुद्धिकरण प्रक्रिया की मांग की।
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