मुंबई , दिसंबर 21 -- मुंबई के वर्ली इलाके में 2,500 से अधिक परिवारों ने स्लम पुनर्वास प्राधिकरण (एसआरए) पर डेवलपर को हटाने का नोटिस जारी कर उनकी लंबे समय से लंबित पुनर्विकास परियोजना को रोकने का आरोप लगाया है। इससे नगर निगम चुनावों से पहले विरोध प्रदर्शन शुरू हो गये हैं और उन्होंने मतदान बहिष्कार की धमकी भी दी है।
सागर दर्शन और चैतन्य साई जनता कॉलोनी सहकारी आवास समितियों के निवासियों ने आरोप लगाया है कि एसआरए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी महेंद्र कल्याणकर ने धारा 13(2) के अंतर्गत नोटिस जारी किया है जिसमें किसी विशिष्ट तकनीकी, वित्तीय या कानूनी कमियों का हवाला दिए बिना डेवलपर की नियुक्ति को रद्द करने की मांग की गयी है।
निवासियों के अनुसार, एसआरए ने लगभग तीन दशकों की देरी के बाद अक्टूबर 2024 में परियोजना को स्वीकृति प्रदान की थी, जिसके बाद खुदाई और प्रारंभिक कार्य शुरू हुए थे। उन्होंने कहा कि सभी वैधानिक स्वीकृतियां प्राप्त होने के बावजूद अचानक इस सूचना ने परियोजना को अधर में डाल दिया है।
समितियों ने कहा कि लाभार्थी सर्वसम्मति से वर्तमान डेवलपर का समर्थन करते हैं और प्रस्तावित निष्कासन के पीछे के तर्क पर सवाल उठाते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पास की एक झुग्गी बस्ती पुनर्वास परियोजना में भी इसी प्रकार का हस्तक्षेप हुआ है, जिसमें 2,000 से अधिक परिवार शामिल हैं और जिसका मामला फिलहाल अदालत में लंबित है।
स्थानीय निवासियों ने कहा कि दशकों की हुई देरी ने बुजुर्ग मूल निवासियों को बुरी तरह प्रभावित किया है और परियोजना की लागत बढ़ गई है, जिससे परिवारों को अस्थायी संरचना में रहने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
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