श्रीनगर , अक्टूबर 2 -- हुर्रियत के अध्यक्ष और कश्मीर के प्रमुख धर्मगुरु मीरवाइज उमर फारूक ने सरकार से जम्मू-कश्मीर पर अपनी 'नीति पर पुनर्विचार' करने का आग्रह करते हुए कहा है कि मुद्दों का समाधान बल प्रयोग या विचारधारा को नियंत्रित करके नहीं किया जा सकता।
श्री मीरवाइज ने कहा, "धार्मिक और सामाजिक संगठनों पर प्रतिबंध लगाना, संपत्तियों को सील करना और मीडिया घरानों को उनके विचार प्रकाशित करने से रोककर उन्हें परेशान करना दुर्भाग्यपूर्ण हैं।" उन्होंने बडगाम में एक धार्मिक सम्मेलन से इतर मीडिया से कहा, "मेरी राय में सरकार को जम्मू-कश्मीर पर अपनी नीति पर पुनर्विचार करना चाहिए। मुद्दों का समाधान बल प्रयोग और विचारधारा को नियंत्रित करके नहीं किया जा सकता। रचनात्मक संवाद और बातचीत स्थायी शांति प्राप्त करने का कहीं बेहतर और मानवीय तरीका है।"उन्होंने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा कि वक्फ संपत्तियां मूलतः धार्मिक मुद्दा हैं और समुदाय को स्वायत्तता और सम्मान के साथ अपने धार्मिक संस्थानों का प्रबंधन करने की अनुमति दी जानी चाहिए तथा धार्मिक संस्थानों की पवित्रता को बनाए रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, "धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप और दखलंदाजी बंद होनी चाहिए क्योंकि ये लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं और अनावश्यक तनाव पैदा करते हैं।"प्रमुख धर्मगुरु ने फिलिस्तीनी लोगों के साथ गहरी एकजुटता व्यक्त करते हुए कहा कि वहां तत्काल युद्धविराम और 'नरसंहार' की समाप्ति की सख्त जरूरत है, वहीं एक वास्तविक और स्थायी शांति प्रक्रिया भी शुरू होनी चाहिए।
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