मुंबई , अक्टूबर 03 -- महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सचिन सावंत ने शुक्रवार को कहा कि मीठी नदी की सफाई के लिए निविदा प्रक्रिया से जुड़े आरोपों पर ग्रेटर मुंबई नगर निगम (बीएमसी) का स्पष्टीकरण अनियमितताओं की स्वीकारोक्ति है और इसमें केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के दिशानिर्देशों का उल्लंघन भी किया गया है।

श्री सावंत ने कहा कि मीठी नदी की सफाई के लिए निविदा में, एक पंप निर्माण कंपनी के लिए टर्नओवर की आवश्यकता शुरू में 50 करोड़ रुपये निर्धारित की गई थी। हालांकि बोली-पूर्व बैठक के बाद इसे बढ़ाकर 210 करोड़ रुपये कर दिया गया। चूंकि पंप निर्माता की भूमिका केवल ठेकेदार कंपनी को पंप आपूर्ति करना है इसलिए प्रतिस्पर्धा को रोकने के लिए यह परिवर्तन जानबूझकर किया गया।

सीवीसी दिशानिर्देशों के अनुसार, निविदा प्रकाशित होने के बाद पात्रता मानदंड कड़े नहीं करने चाहिए। इसी स्पष्ट दिशा-निर्देश के आधार पर श्री सावंत ने नगर आयुक्त को पत्र लिखकर निविदा प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगाया था।

इसके जवाब में, नगर निगम के अधिकारियों ने मीडिया से कहा कि चूंकि निविदा का पंप आपूर्ति वाला हिस्सा 700 करोड़ रुपये का है इसलिए वे पंपों के लिए तकनीकी मानक निर्दिष्ट नहीं कर सकते थे और इसलिए उनका मानना है कि पंप निर्माण कंपनी का टर्नओवर मूल्य के 30 प्रतिशत के बराबर होना चाहिए और यह परिवर्तन नेक नीयत से किया गया है।

निगम के स्पष्टीकरण को खारिज करते हुए श्री सावंत ने फिर से बीएमसी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह तीसरी बार है जब टेंडर जारी किया गया है। पहली बार मार्च 2023 में जारी किया गया था लेकिन बाद में उसे रद्द कर दिया गया था। दूसरी बार इसे 14 फ़रवरी 2025 को जारी किया गया और फिर से रद्द कर दिया गया।

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