लखनऊ , दिसम्बर 19 -- उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से स्थापित मिशन शक्ति केन्द्र प्रभावी परिणाम दे रहे हैं।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) उत्तर प्रदेश राजीव कृष्णा ने कहा कि मिशन शक्ति सरकार की सोच पर आधारित है, जिसमें पुलिस समन्वयक और लीड एजेंसी की भूमिका निभा रही है। उन्होंने थाना, चौकी, विद्यालय और समुदाय स्तर पर बेहतर समन्वय स्थापित करने तथा सफल बेस्ट प्रैक्टिस को सभी जनपदों में लागू करने के निर्देश दिए हैं।
शुक्रवार को डीजीपी ने प्रदेश में स्थापित मिशन शक्ति केन्द्रों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा करते हुए अधिकारियों से फीडबैक लिया। समीक्षा में सामने आया कि मिशन शक्ति केन्द्रों की स्थापना के बाद प्रदेश में महिला संबंधी अपराधों में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अक्टूबर 2020 में मिशन शक्ति अभियान की शुरुआत की गई थी। इसके अंतर्गत वर्ष 2020 में प्रदेश के प्रत्येक थाने में महिला हेल्प डेस्क की स्थापना की गई, जिससे महिलाओं की शिकायतों के त्वरित पंजीकरण की व्यवस्था बनी। इस पहल को और अधिक सशक्त बनाते हुए सितंबर 2025 में डीजीपी राजीव कृष्णा के निर्देशन में सभी थानों में मिशन शक्ति केन्द्र स्थापित किए गए।
अब मिशन शक्ति केन्द्र केवल शिकायत दर्ज करने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह महिला पीड़िताओं के लिए सिंगल प्वाइंट ऑफ सपोर्ट के रूप में कार्य कर रहे हैं। इन केन्द्रों के माध्यम से शिकायतकर्ता को प्रकरण की शुरुआत से लेकर न्यायिक प्रक्रिया की पूर्णता तक मानसिक, सामाजिक, कानूनी और संस्थागत सहयोग उपलब्ध कराया जा रहा है।
डीजीपी द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार मिशन शक्ति केन्द्रों की स्थापना से पूर्व (16 जून से 15 सितंबर 2025) और स्थापना के बाद (16 सितंबर से 15 दिसंबर 2025) की तुलना में महिला अपराधों में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। जिसमे बलात्कार के मामलों में प्रदेश स्तर पर 33.92 प्रतिशत की कमी आई है, जिसमें जनपद बाराबंकी में 76.92 प्रतिशत की सर्वाधिक गिरावट दर्ज की गई। महिलाओं एवं बच्चियों के अपहरण के मामलों में 17.03 प्रतिशत, दहेज हत्या में 12.96 प्रतिशत तथा घरेलू हिंसा के मामलों में 9.54 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।
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