मुंबई , अक्टूबर 01 -- महाराष्ट्र में मुंबई की एक विशेष अदालत के समक्ष वर्ष 2006 में मालेगांव विस्फोट मामले के आरोपियों ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों से खुद को निर्दोष बताया है।
अदालत ने कल चार आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए, जिनके खिलाफ राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) ने आरोपपत्र दाखिल किया था। आरोपी मनोहर नरवारिया, राजेंद्र चौधरी, धन सिंह और लोकेश शर्मा ने उस घटना में शामिल होने के आरोपों से खुद को निर्दोष बताया। इस विस्फोट में 31 लोगों की मौत हुयी थी।
विशेष न्यायाधीश सी.एस. बाविस्कर ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की हत्या और आपराधिक साजिश सहित विभिन्न धाराओं के साथ-साथ गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत आरोप तय किए, जिससे मुकदमे का रास्ता प्रशस्त हुआ।
विशेष लोक अभियोजक प्रकाश शेट्टी ने पहले आरोपियों के खिलाफ आरोपों का मसौदा प्रस्तुत किया था।
उल्लेखनीय है कि आठ सितंबर, 2006 को मालेगांव में चार बम विस्फोट हुए, जिनमें से तीन हमीदिया मस्जिद और बड़ा कब्रिस्तान परिसर में जुमे की नमाज के तुरंत बाद हुए और चौथा मुशावरत चौक पर हुआ। इन विस्फोटों में 31 लोगों की मौत और 312 लोग घायल हुये थे।
एजेंसी ने दावा किया कि आरोपियों ने मध्य प्रदेश में यह साजिश रची थी, जहाँ उन्हें हथियार चलाने और बम बनाने का प्रशिक्षण भी मिला था। आरोपपत्र में आरोप लगाया गया कि इन लोगों की साइकिल खरीदने से लेकर उन्हें विस्फोटक को फिट करने और विस्फोट स्थलों तक पहुँचाने तक अलग-अलग भूमिकाएँ थीं।
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