उज्जैन , दिसंबर 24 -- मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के दूरदर्शी और रोजगार केंद्रित विजन के तहत मालवा अंचल में औद्योगिक विकास को नई गति मिली है। पिछले दो वर्षों में मालवा क्षेत्र में 38 हजार करोड़ रुपए से अधिक का निवेश हुआ है, जिससे 33 हजार से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं।
देवास रोड स्थित विक्रम उद्योगपुरी के उद्योगों के अवलोकन के दौरान पत्रकारों के दल को आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि उज्जैन संभाग के सात जिलों में विभिन्न औद्योगिक परियोजनाओं और बड़े निवेश प्रस्तावों से औद्योगिक माहौल तेजी से गतिशील हुआ है। आंकड़ों के अनुसार पिछले दो वर्षों में उज्जैन संभाग में कुल 38 हजार 506 करोड़ रुपए का निवेश आया है, जिससे 33 हजार 676 रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं।
सूत्रों ने बताया कि यह परिवर्तन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की औद्योगिक दृष्टि, राज्य सरकार की औद्योगिक प्रोत्साहन नीति 2025 और प्रदेशभर में आयोजित औद्योगिक कॉन्क्लेव के सकारात्मक परिणामों के रूप में सामने आया है। एमपीआईडीसी और जिला प्रशासन द्वारा भूमि आवंटन, पावर कनेक्टिविटी और पर्यावरणीय स्वीकृतियों की प्रक्रिया को तेज करने के लिए साझा प्रणाली विकसित की गई है।
अभ्युदय मध्यप्रदेश ग्रोथ सिस्टम के तहत उज्जैन संभाग में 28 औद्योगिक इकाइयों का भूमि पूजन और लोकार्पण किया जा रहा है। इससे 15 हजार 711 करोड़ रुपए का निवेश आएगा और 12 हजार 789 रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे।
सरकारी अनुमानों के अनुसार उज्जैन संभाग वर्ष 2030 तक राज्य की जीडीपी में 5.9 से 6.5 लाख करोड़ रुपए तक का योगदान दे सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यही गति बनी रही तो मालवा क्षेत्र आने वाले वर्षों में इंडस्ट्री 4.0 आधारित उत्पादन और निर्यात के क्षेत्र में बड़ा केंद्र बन सकता है।
सूत्रों के अनुसार उज्जैन संभाग के प्रत्येक जिले में औद्योगिक गतिविधियां तेज हुई हैं। उज्जैन जिले में विक्रम उद्योगपुरी और मेडिकल डिवाइस पार्क प्रमुख औद्योगिक केंद्र के रूप में उभरे हैं। विक्रम उद्योगपुरी में 6 हजार 481 करोड़ रुपए के निवेश से 18 हजार से अधिक रोजगार के अवसर सामने आएंगे, जबकि मेडिकल डिवाइस पार्क में 2 हजार 899 करोड़ रुपए के निवेश से 11 हजार से अधिक रोजगार की संभावना है। इसके अलावा उज्जैन से सटे शाजापुर जिले के मक्सी फेस-2 में जैक्शन ग्रुप का 8 हजार 152 करोड़ रुपए का बड़ा प्रोजेक्ट भी स्थापित हो चुका है।
सूत्रों ने बताया कि दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के अंतर्गत नरवर गांव में विक्रम उद्योगपुरी को 350 करोड़ रुपए की लागत से 773 एकड़ क्षेत्र में विकसित किया गया है। यहां कुल 109 औद्योगिक भूखंडों में से 91 का आवंटन हो चुका है। इस औद्योगिक क्षेत्र में पेप्सिको, अमूल इंडिया, वोल्वो आयशर, फेना, सुधाकर पाइप्स, माईराज पाइप, सीपी पेंट्स और इस्कॉन बालाजी जैसी प्रतिष्ठित औद्योगिक इकाइयां शामिल हैं, जिनमें से कई ने उत्पादन भी प्रारंभ कर दिया है।
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