चंडीगढ़, सितंबर 26 -- पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने शुक्रवार को राज्य में हाल ही में आयी बाढ़ के बाद विभिन्न कस्बों और शहरों में चल रहे सफाई, राहत और पुनर्वास कार्यों की समीक्षा की।
शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के आयुक्तों के साथ वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि रावी, ब्यास, सतलुज और घग्गर जैसी नदियों तथा उनकी सहायक नदियों के किनारे बसे कई जिले बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। उन्होंने बताया कि अगस्त के अंत और सितंबर की शुरुआत में भारी बारिश के कारण अनेक कस्बों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। उन्होंने प्रभावित शहरी क्षेत्रों में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए तुरंत सफाई, पीने योग्य पानी की आपूर्ति और स्वास्थ्य संबंधी सावधानियाँ बरतने की आवश्यकता पर जोर दिया।
पानी भरे क्षेत्रों में कीचड़, रेत और मलबा जमा होने का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने विशेष सफाई अभियान को और तेज करने के निर्देश दिए। उन्होंने शहरी स्थानीय निकायों को अपने मौजूदा अमले का बेहतर उपयोग करने और इस नेक कार्य के लिए समर्पित टीमें गठित करने के आदेश दिए। डेंगू, मलेरिया जैसी बरसाती बीमारियों की रोकथाम के लिए बड़े पैमाने पर फॉगिंग करवाने की महत्ता पर जोर दिया गया।
मुख्यमंत्री ने इंजीनियरिंग स्टाफ को क्षतिग्रस्त सार्वजनिक और निजी संपत्तियों, जैसे मकान, दुकानें और अन्य ढाँचे का तुरंत सर्वेक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने जल आपूर्ति योजनाओं, स्ट्रीट लाइटों, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों (एस.टी.पी.) और क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत तुरंत शुरू करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि सड़कों की बड़ी मरम्मत या गड्ढे भरने का काम मॉनसून समाप्त होने के बाद ही शुरू होना चाहिए। उन्होने विभिन्न शहरी क्षेत्रों, विशेषकर बड़े कस्बों के लिए राहत और पुनर्वास कार्यों के समन्वय हेतु नोडल अधिकारी नियुक्त करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन अधिकारियों के नाम और संपर्क नंबर शहरवासियों के साथ साझा किए जाएँ। साथ ही, उन्होंने राहत और पुनर्वास प्रयासों की रिपोर्टिंग और सत्यापन में मदद के लिए पेस्को के पूर्व सैनिकों को शामिल करने पर भी जोर दिया।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित